आज 13 दिसंबर है। आज ही के दिन सन 2001 में पाकिस्तानी आतंकियों ने लोकतंत्र के मंदिर भारत की संसद पर हमला कर दिया था। इस हमले ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया था। भारतीय सुरक्षा बलों ने इसमें शामिल सभी पांचों आतंकियों को मौके पर ही ढेर कर दिया था। पाकिस्तान के इस नापाक हमले का जवाब देने के लिए भारत ने ‘सर्जिकल स्ट्राइक’ जैसी तैयारी की थी, लेकिन अंतिम क्षणों में इस फैसले को टाल दिया गया था।

दरअसल पाकिस्तान को इस बात की भनक थी कि हमले के बाद भारत उस पर बड़ी कार्रवाई कर सकता है, इसलिए उसने अपने आतंकी शिविरों को कश्मीर के स्कूलों और अस्पतालों के निकट स्थापित कर दिए थे। खुफिया ब्यूरो की सलाह पर नागरिकों की सुरक्षा को देखते हुए भारत ने इस फैसले पर आगे बढ़ने से रुक गया था। हालांकि ग्वालियर बेस पर मौजूद मिराज 2000 फाइटर जेट को इसके लिए तैयार रखा गया था।

आतंकी घटना में संसद सुरक्षा सेवा में राज्यसभा के दो व्यक्तियों, दिल्ली पुलिस के पांच कर्मियों और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) की एक महिला कांस्टेबल ने संसद भवन परिसर के अंदर आतंकवादियों के प्रवेश को रोकते हुए अपनी जान दे दी थी। हमले में सीपीडब्ल्यूडी के एक माली की भी मौत हो गई।

जिस समय आतंकियों ने संसद भवन परिसर में हमला किया था, उस वक्त तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और विपक्ष की नेता सोनिया गांधी संसद भवन से जा चुके थे। हालांकि, गृहमंत्री लालकृष्ण आडवाणी समेत 100 से अधिक लोग संसद भवन के अंदर ही थे। घटना के बाद भारतीय सुरक्षाबलों ने बहादुरी के साथ मुकाबला करते हुए आतंकियों को मार गिराया था। इस कायराना हमले में मोहम्मद अफजल गुरु, एसए आर गिलानी और शौकत हुसैन सहित पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई शामिल थे। घटना के 12 साल बाद अफजल गुरु को 9 फरवरी 2013 को फांसी दे दी गई थी।

पीएम मोदी ने सोमवार की सुबह ट्वीट किया, ‘‘मैं उन सभी सुरक्षा कर्मियों को श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं, जो 2001 में संसद हमले के दौरान अपने कर्तव्यों का निर्वहन करते हुए शहीद हो गए थे। राष्ट्र के लिए उनकी सेवा तथा सर्वोच्च बलिदान हर नागरिक को प्रेरित करता है।’’ केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शहीद हुए सुरक्षा कर्मियों को श्रद्धांजलि दी।

शाह ने ट्वीट किया, ‘‘भारतीय लोकतंत्र के मंदिर संसद भवन पर हुए कायरतापूर्ण आतंकवादी हमले में राष्ट्र के गौरव की रक्षा हेतु अपना सर्वोच्च बलिदान देने वाले सभी बहादुर सुरक्षाबलों के साहस व शौर्य को कोटिशः नमन करता हूं। आपका अद्वितीय पराक्रम व अमर बलिदान सदैव हमें राष्ट्रसेवा हेतु प्रेरित करता रहेगा।’’