बुलेट ट्रेन का सपना देख रहे भारतीय रेलवे को गहरा झटका लगा है, तब लगा जब दिल्ली से 110 मिनट की स्पीड में आगरा रही गतिमान एक्सप्रेस से 2 मासूम बच्चे ट्रैक पर कुचल गए। दिल्ली-आगरा के बीच चलने वाली सेमी हाईस्पीड ट्रेन गतिमान का सातवां ट्रायल मंगलवार को दो परिवारों पर भारी पड़ गया। दिल्ली से आगरा तक तो ट्रेन बिना किसी गड़बड़ी के आ गई, लेकिन वापसी के दौरान आगरा से मथुरा जाते वक्त रुनकता के पास ट्रेन की चपेट में आकर दो बच्चों की मौत हो गई। इसके बाद आगरा-मथुरा के बीच पेंटो में खराबी आ गई ट्रेन को मथुरा तक डीजल इंजन लगा कर रवाना किया गया। वहां से दूसरा इंजन लगा ट्रेन दिल्ली भेजी गई।

बता दें कि दिल्ली-आगरा के बीच चलने वाली सेमी हाईस्पीड ट्रेन गतिमान का सातवां ट्रायल मंगलवार को किया गया। ट्रेन सुबह 8.05 बजे दिल्ली से आगरा को रवाना होकर 10.50 बजे आगरा कैंट रेलवे स्टेशन पर पहुंची। आगरा कैंट से 10.50 बजे ट्रेन वापस दिल्ली को रवाना हुई। यहां से रवाना होने के कुछ देर के बाद ही रुनकता के पास खेलते-खेलते रेलवे लाइन पर पहुंच गए दो बच्चे ट्रेन की चपेट में आ गए। दोनों बच्चों की मौके पर ही मौत हो गई।

वहीं हाई स्पीड ट्रेन गतिमान एक्सप्रेस का ट्रायल किया गया जो असफल रहा, क्योंकि आगरा से लौटते समय ट्रेन का पैन्टों टूट गया। गौरतलब है कि सरकार ने बुलेट ट्रेन के लिए अपने चुनावी घोषणा पत्र में वादा भी किया था, लिहाजा अब सरकार उसी दिशा में काम भी कर रही है। इसके लिए जापान से मदद लेने की बात भी कही गयी, लेकिन अभी तक पूरी तरह कामयाबी हासिल नहीं हो पाया है। गौरतलब है कि रेलवे मानव रहित रेलवे क्रॉसिंग पर चौकीदारों की तैनाती का दावा करता है, लेकिन असल में आगरा रेल मंडल में अब भी 70 से ज्यादा मानव रहित रेलवे क्रॉसिंग है। इनमें 16 से ज्यादा अकेले दिल्ली-आगरा के बीच हैं।