17वीं लोकसभा का पहला सत्र मंगलवार (छह अगस्त, 2019) को संपन्न हो गया। संसद के इस सेशन में कुल 37 बैठकें हुईं, जिसमें रिकॉर्ड काम के साथ कुल 36 बिल पास हुए। इन विधेयकों में जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 की अधिकतर धाराओं को हटाने और राज्य को दो केंद्रशासित प्रदेशों (जम्मू-कश्मीर और लद्दाख) में बांटने के संकल्प और बिल व तीन तलाक विरोधी विधेयक शामिल हैं। यही वजह है कि काम के मामले में साल 1952 के बाद का यह सबसे सफल सत्र रहा।
लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने सदन की कार्यवाही को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित करने की घोषणा कर कहा कि यह 1952 से लेकर अब तक का सबसे र्स्विणम सत्र है। पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के मुताबिक, सत्र सात अगस्त तक प्रस्तावित था, पर मोदी सरकार की गुजारिश पर स्पीकर ने इसे एक दिन पहले ही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया था।
उन्होंने बताया, “17 जून से छह अगस्त, 2019 तक चले इस सत्र में कुल 37 बैठकें हुईं और करीब 280 घंटे तक कार्यवाही चली, जबकि सत्र में कोई व्यवधान नहीं हुआ।” सदन सुचारू रूप से चलाने में मदद के लिए उन्होंने प्रधानमंत्री और सदन के नेता नरेंद्र मोदी, संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी और कई अन्य दलों के नेताओं को शुक्रिया अदा किया।
बिरला आगे बोले- इस सत्र में कुल 33 सरकारी विधेयक विचार के लिए पेश किए गए और 36 विधेयक पारित किए गए। इनमें जम्मू कश्मीर से संविधान के अनुच्छेद 370 की अधिकतर धाराओं को हटाने से जुड़े दो संकल्प, जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन विधेयक, तीन तलाक विरोधी ‘मुस्लिम महिला अधिकार (संरक्षण) विधेयक-2019’, मोटरयान संशोधन विधेयक-2019, उपभोक्ता संरक्षण विधेयक-2019 और मजदूरी संहिता विधेयक प्रमुख हैं।
बकौल स्पीकर, “कुल 265 नवनिर्वाचित सदस्यों में से अधिकतर सदस्यों को शून्य काल और किसी न किसी विधेयक पर चर्चा में बोलने या प्रश्नकाल में पूरक प्रश्न पूछने का मौका मिला।” उन्होंने कहा कि 46 नवनिर्वाचित महिला सदस्यों में से 42 को सदन में अपनी बात रखने का मौका मिला।
बिरला ने कहा कि 183 तारांकित प्रश्न पूछे गए, लेकिन 1086 लोकहित से जुड़े मुद्दे शून्यकाल के दौरान उठाए गए। उन्होंने कहा कि 1952 से यह अब तक का सबसे उपयोगी सत्र रहा है और इसमें 125 फीसदी कामकाज हुआ। (पीटीआई-भाषा इनपुट्स के साथ)