नए कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों से मुलाकात करने जा रहे दस विपक्षी दलों के 15 सांसदों को पुलिस ने गुरुवार को गाजीपुर सीमा पर जाने से रोक दिया। भारतीय जनता पार्टी की पूर्व गठबंधन सहयोगी शिरोमणि अकाली दल की नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी और सरकार की कड़ी आलोचना की।
उन्होंने अपने ट्वीट में आश्चर्य जताया कि सांसदों तक को किसानों से मिलने नहीं दिया जा रहा है। उन्होंने लिखा, ‘अकाली दल, समान विचारधारा रखने वाली पार्टियों और गाजीपुर बॉर्डर पर किसानों से मिलने जा रहे सांसदों को रोकने और किसानों पर हो रहे अत्याचारों की निंदा करता है। शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे किसानों से सांसदों तक को मिलने नहीं दिया जा रहा है। यह वास्तव में लोकतंत्र के लिए काला दिन है!’
गुरुवार को शिरोमणि अकाली दल (शिअद), द्रविड़ मुनेत्र कषगम (डीएमके), राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) और तृणमूल कांग्रेस समेत अन्य दलों के 15 सांसद गाजीपुर सीमा पर प्रदर्शनकारी किसानों से मिलने जा रहे थे। हरसिमरत कौर बादल ने बताया कि नेताओं को पुलिस के अवरोधकों को पार करने और प्रदर्शन स्थल पर जाने की अनुमति नहीं दी गई।
सांसदों के इस दल में हरसिमरत के अलावा राकांपा सांसद सुप्रिया सुले, डीएमके से कनिमोई और तिरुचि शिवा, तृणमूल कांग्रेस के सौगत राय इस समूह का हिस्सा थे। नेशनल कॉन्फ्रेंस, रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी (आरएसपी) और इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (आइयूएमएल) के सदस्य भी इसमें शामिल थे।
हालांकि, गाजियाबाद पुलिस के अधिकारियों ने कहा कि उन्होंने गाजीपुर में प्रदर्शन स्थल जाने से प्रतिनिधिमंडल को नहीं रोका। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘सभी राजनीतिक दलों के नेता वहां आ रहे है और हम किसी को रोक नहीं रहे। उन्हें दूसरी तरफ (दिल्ली) रोका गया होगा।’
इससे पहले बुधवार को संसद में कई विपक्षी दलों ने सरकार से तीनों विवादित कानूनों को वापस लेने और प्रदर्शन कर रहे किसानों के साथ दुश्मनों जैसा बर्ताव नहीं करने की अपील की थी। दिल्ली और उत्तर प्रदेश की सीमा पर गाजीपुर में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई है। गाजीपुर सीमा पर किसानों ने दिल्ली-मेरठ राजमार्ग के एक हिस्से में अस्थायी तंबू लगा रखे हैं।