महाराष्ट्र के बीड में जहां पानी के चक्कर में एक 12 साल की बच्ची की मौत हो गई, वहीं हैदराबाद में पिछले 30 वर्षों में पहली बार वाटर इमरजेंसी की स्थिति बनी हुई है। 12 साल की योगिता देसाई अपने घर से 500 मीटर दूर स्थित पंप से पानी लेने के लिए गई थी। लेकिन पंप पर ही उसकी मौत हो गई। योगिता पेचिश से पीड़ित थी, लेकिन उसके परिवार को उसकी मदद की जरूरत थी। जब योगिता अपने घर से पंप के लिए पांचवां चक्कर लगा रही थी, तभी वह वहां गिर गई। बाद में डॉक्टरों ने बताया कि उसकी मौत हर्टअटैक और डीहाइड्रैशन से हुई है।
बीड मराठवाड़ा के उन सात जिलों में शामिल हैं, जिनमें लोग सूखे का सामना कर रहे हैं। योगिता की मौत रविवार के दिन हुई। रविवार को वहां का तापमान 38 से 42 डिग्री के बीच था। तेज चल रही गर्म हवा की चपेट में आकर अभी तक 110 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है, जिनमें से 45 लोग ओडिशा और 35 लोग तेलंगाना के रहने वाले हैं।
वहीं हैदराबाद में तीस वर्षों में पहली बार वाटर इमरजेंसी की स्थिति बनी है। शहर को पानी की सप्लाई करने वाले चार जलाशयों सूख गए हैं। यह जानकारी तेलंगाना के मंत्री केटी रामा राव टीवी चैनल एनडीटीवी से बात करते हुए दी। हैदराबाद के कई इलाकों में लोगों को कुछ दिन छोड़कर पानी मिल रहा है। तेलंगाना के गावों में तो स्थिति और भी ज्यादा खराब है। जहां पीने के लिए पानी घर से काफी दूर से लाया जाता है।
#WATCH: 50-wagon train loaded from Miraj arrived in parched Latur (Maharashtra) this morning with 25 lakh ltrs waterhttps://t.co/hhkIpiuI4Z
— ANI (@ANI_news) April 20, 2016
राव ने बताया कि सिंगुर, मंजीरा, ओसमान सागर और हिमायत सागर सूख गए हैं। साथ ही बताया कि शहर में हर रोज 660 मिलियन गैलन पानी की जरूरत है, लेकिन प्रशासन केवल 335 मिलियन गैलेन ही सप्लाई कर पा रहा है। अभी गोदावरी और कृष्णा नदी से पानी लाया जा रहा है, जोकि शहर से करीब 200 किलोमीटर दूर है।