जिंदगी की मसरूफियत इतनी ज्यादा बढ़ गई है कि हमारे पास अपने खान-पान पर विशेष ध्यान देने तक का वक्त नहीं है। सुबह के नाश्ते में रेडिमेट फूड्स जैसे ब्रेड,बटर,मैगी,सैंडविच जैसे फूड्स खाकर अपने दिन की शुरुआत करते हैं। अगर सुबह के नाश्ते में घर में कुछ पकाते भी हैं तो कोशिश करते हैं कि इतनी मात्रा में बना लें कि पूरा दिन में दो से तीन टाइम तक उसे खा लें। एक बार खाना पकाकर उसे दोबारा खाने के लिए कई बार गर्म करना पड़ता है। बार-बार खाने को गर्म करना सेहत के लिए हानिकारक है।
आप जानते हैं कि अच्छी सेहत के लिए ताजा खाना खाना बेहद जरूरी है। खाना पकाकर स्टोर करने से और फिर उसे दोबारा गर्म कर के खाने से ना सिर्फ उसमें मौजूद पोषक तत्व खत्म हो जाते हैं बल्कि कुछ फूड्स ऐसे भी है जो रिहीट करने पर बॉडी पर ज़हर की तरह काम करते हैं।
दुनिया भर के अधिकांश लोग बचे हुए भोजन को दोबारा गर्म करके खाते हैं, लेकिन विशेषज्ञों की मानें तो दोबारा फूड्स को गर्म करना आपकी सेहत के लिए अच्छा नहीं है। क्लिनिकल डायटिशियन गरिमा गोयल ने बताया कि कुछ फूड्स ऐसे हैं जिन्हें दोबारा गर्म करने से उनका स्वाद, बनावट, न्यूट्रिशनल वैल्यू खत्म हो जाती है। आइए एक्सपर्ट से जानते हैं कि कौन-कौन से ऐसे फूड्स हैं जिनका सेवन दोबारा गर्म करके नहीं करना चाहिए।
चाय का सेवन दोबारा गर्म करके नहीं करें
चाय में एंटीऑक्सीडेंट और पॉलीफेनोल्स जैसे यौगिक मौजूद होते हैं, जो इसके स्वाद और फायदे को बढ़ाते हैं। जब चाय को शुरू में बनाया जाता है तो यह टैनिन और कैटेचिन जैसे विभिन्न यौगिक छोड़ती है। चाय को दोबारा गर्म करने से ये यौगिक ख़राब हो सकते हैं,जिससे चाय का स्वाद और फायदा खत्म हो सकता हैं। चाय में कैफीन होता है जिसे दोबारा गर्म करके पीने से घबराहट या नींद में खलल जैसे प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकते हैं। चाय को दोबारा गर्म करने से एसिडिटी हो सकती है और आपका पाचन भी बिगड़ सकता है।
पालक को दोबारा गर्म नहीं करें
पालक में मौजूद पोषक तत्वों की बात करें तो इसमें नाइट्रेट्स होते हैं जो दोबारा गर्म करने पर नाइट्राइट में बदल जाते हैं। नाइट्राइट फिर अमीनो एसिड के साथ प्रतिक्रिया करके नाइट्रोसामाइन बना सकता हैं जिन्हें कार्सिनोजेन के रूप में जाना जाता है। पालक को दोबारा गर्म करने से विटामिन सी और विटामिन बी जैसे सॉल्युबल फाइबर नष्ट हो सकते हैं जिससे इसकी न्यूट्रिशनल वैल्यू कम हो सकती है।
पालक आयरन का बेहतरीन स्रोत है। जब पालक को पकाया जाता है और फिर गर्म किया जाता है तो पालक में मौजूद आयरन ऑक्सीकरण से गुजर सकता है। ये रासायनिक प्रतिक्रिया तब होती है जब आयरन हवा में ऑक्सीजन के संपर्क में आता है। इस ऑक्सीकरण प्रक्रिया के परिणामस्वरूप आयरन ऑक्साइड का निर्माण हो सकता है, जो पालक का रंग और स्वाद बदल सकता है।
खाना पकाने का तेल दोबारा गर्म नहीं करें
जब खाना पकाने के तेल को दोबारा गर्म किया जाता है, तो इसमें रासायनिक परिवर्तन होते हैं जो इसकी क्वालिटी को बिगाड़ देते हैं और सेहत की दृष्टि से खराब होते हैं। गोयल ने बताया कि कुकिंग ऑयल को बार-बार गर्म करने और ठंडा करने के चक्र से ट्रांस फैट और एल्डिहाइड जैसे हानिकारक यौगिकों का निर्माण होता है जो बॉडी में सूजन और दिल के रोगों को बढ़ाते हैं।
तेल को दोबारा गर्म करने से उसमें जहरीला धुंआ पैदा हो सकता है जो खाने का स्वाद बिगाड़ता है। खाना पकाने के लिए उतने ही तेल का इस्तेमाल करें जितना एक बार में खत्म हो जाएं।
मशरूम को ताजा खाएं
मशरूम में छिद्र होते हैं और आसानी से नमी को अवशोषित कर सकते हैं, जिससे ये बैक्टीरिया के लिए एक माकूल माहौल बनाते हैं। मशरूम को दोबारा गर्म करने से उसमें बैक्टीरिया बढ़ने का खतरा अधिक रहता है। मशरूम में पॉलीसेकेराइड जैसे कुछ यौगिक होते हैं, जो दोबारा गर्म करने पर एंजाइमेटिक प्रतिक्रियाओं से गुजर सकते हैं, जिससे उनका स्वाद और बनावट बदल जाती है।
चावल
अक्सर हम लोग चावल का सेवन एक से अधिक बार गर्म करके करते हैं। आप जानते हैं कि चावल में बैसिलस सेरेस नामक एक जीवाणु पाया जाता है जो खाना पकाने की प्रक्रिया में जीवित रह सकता है और जब चावल को लंबे समय तक कमरे के तापमान पर रखा जाता है तो यह अपनी संख्या में वृद्धि कर सकता है। चावल को दोबारा गर्म करने से उसमें मौजूद बैक्टीरिया और उनके विषाक्त पदार्थ खत्म नहीं होते और फूड प्वाइजनिंग का खतरा बढ़ाते हैं। चावल को दोबारा गर्म करने पर चावल की नमी खत्म हो जाती है और वह सूखा और टेस्ट लेस हो जाता है।