उत्तर प्रदेश में चुनाव को देखते हुए सभी पार्टियों ने अपनी-अपनी तैयारी शुरू कर दी है। 7 नवंबर को बीजेपी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे.पी नड्डा समेत पार्टी के कई वरिष्ठ नेता मौजूद थे। यहां सीएम योगी आदित्यनाथ भी पहुंचे थे। इससे पहले गृह मंत्री अमित शाह साफ कर चुके हैं कि अगर यूपी में बीजेपी की सरकार बनती है तो सीएम योगी ही बनेंगे।
हर दिन बनते-बिगड़ते सियासी समीकरण के बीच योगी आदित्यनाथ का एक पुराना इंटरव्यू वायरल हो रहा है। ‘इंडिया टीवी’ के इस इंटरव्यू में वरिष्ठ पत्रकार रजत शर्मा सवाल पूछते हैं, ‘भगवा वस्त्र पहनकर, साधु का रूप धारण कर, इस तरह की नफरत फैलाना कहां तक ठीक है?’ योगी आदित्यनाथ ने इसका जवाब दिया था, ‘देखिए, मैंने उस बात को सशर्त कहा है। अगर कोई आपको मारेगा तो मुझे लगता है कि सामने कोई मानव होगा तो उसके दो थप्पड़ भी आप सहन कर सकते हैं। लेकिन सामने अगर कोई दानव है तो उसके एक थप्पड़ का जवाब तुरंत दीजिए।’
योगी आदित्यनाथ आगे कहते हैं, ‘मैं एक संन्यासी हूं। मुझे शास्त्र का प्रशिक्षण दिया गया है तो इसके साथ शस्त्र का भी प्रशिक्षण दिया गया है। अगर हमारे एक हाथ में माला है तो हम दूसरे हाथ में भाला लेकर भी चलते हैं। इससे समाज को शिक्षित भी किया जा सके और दुष्टों को उनके कामों की सजा भी दी जा सके। मुझे लगता है कि यही संन्यासी का सही धर्म भी होता है और अगर हम ऐसा करते हैं तो इसमें गलत कहां से हो गए?’
ओवैसी को लेकर किया सवाल: एक अन्य इंटरव्यू में योगी आदित्यनाथ से उनकी राजनीति को लेकर सवाल किया गया था। योगी से सवाल पूछा गया था, ‘जिस तरह की आपकी और ओवैसी साहब की राजनीति है। ये दोनों तरफ को भड़काने की राजनीति है। आप दोनों लोग अगर संन्यास ले लें तो आपको नहीं लगता कि भारत पर बहुत बड़ा एहसान हो जाएगा?’ इसके जवाब में उन्होंने कहा था, ‘आपने बहुत अच्छी बात कही है। ये बात अगर आप कश्मीर जाकर समझाते तो बहुत अच्छा होता। हम लोग आपको उपदेशक बनकर कश्मीर भेजने के लिए तैयार हैं।’
अखिलेश पर निशाना: योगी आदित्यनाथ ने अखिलेश यादव पर निशाना साधते हुए कहा था, ‘एक पार्टी के नेता ने कुछ दिन पहले सरदार पटेल की तुलना जिन्ना से कर दी थी। सरदार पटेल जिन्होंने देश को जोड़ा था, उनकी तुलना देश को बांटने वाले से कर दी गई। जनता को ऐसे शर्मनाक बयानों को तुरंत खारिज कर देना चाहिए। इन लोगों की मानसिकता समझिए। सरदार पटेल हमारे राष्ट्रनायक हैं।’