शरीर को स्वस्थ रखने के लिए पाचन तंत्र का स्वस्थ रहना बेहद जरूरी है। ऐसा इसलिए क्योंकि हम जो कुछ भी खाते-पीते हैं, हमारा पाचन तंत्र ही उसे ठीक ढंग से पचाकर शरीर के लिए जरूरी पोषक तत्वों में तोड़ता है और इसी से हमारी बॉडी को एनर्जी मिलती है। यानी हमारा पाचन जितना अच्छा होगा, उतना ही हम भोजन से अधिकतम लाभ प्राप्त कर पाएंगे। हालांकि, आज के समय में खराब लाइफस्टाइल और अनहेल्दी खानपान के चलते अधिकतर लोगों को खराब पाचन का सामना करना पड़ता है।
वहीं, खाना ठीक से न पचने के कारण आपको पेट फूलना, पेट में ऐंठन, असहनीय दर्द, गैस, एसिडिटी, आदि समस्याओं से जूझना पड़ता है। अगर आप भी इस तरह की परेशानियों का सामना कर रहे हैं, तो ये आर्टिकल आपके लिए मददगार साबित हो सकता है। इस लेख में हम आपको कुछ ऐसे योगासन के बारे में बता रहे हैं, जिनका खाने के बाद केवल 10 मिनट अभ्यास करने से पाचन को बेहतर बनाया जा सकता है।
वज्रासन
वज्रासन भोजन को तुरंत पचाने और पाचन क्रिया को बेहतर बनाए रखने में कमाल का असर दिखाता है। खाना खाने के बाद महज 10 से 15 मिनट वज्रासन की स्थिति में बैठने से डाइजेशन को बेहतर बनाया जा सकता है।
कैसे करें वज्रासन?
- इसके लिए सबसे पहले जमीन पर मैट बिछा लें।
- इस मैट पर आपको घुटनों को मोड़कर बैठ जाना है। ध्यान रहे कि इस दौरान आपकी पीठ और सिर एकदम सीधे होने चाहिए।
- इसके बाद अपनी हथेलियों को घुटनों पर रख लें।
- आपको इसी अवस्था में 5 मिनट तक बैठते हुए लंबी-लंबी सांसें लें।
- इससे आपका भोजन तेजी से डाइजेस्ट हो जाएगा।
विपरीत करणी
इस आसन को ‘लेग्स अप द वॉल पोज़’ भी कहा जाता है। वहीं, विपरीत करणी के अभ्यास से भी बेहतर डाइजेशन में मदद मिलती है। ये शरीर में रक्त प्रवाह को उल्टा कर आपकी आंतों के माध्यम से अपशिष्ट पदार्थ और गैस को शरीर से बाहर निकालने में मदद करता है।
कैसे करें विपरीत करणी?
- इस आसन को करने के लिए सबसे पहले किसी दीवार के पास एक मैट बिछाकर पीठ के बल लेट जाएं।
- ध्यार रहे की आपके पैर दीवार की तरफ हों।
- अब, अपने दोनों पैरों को एक साथ रखकर, लंबी गहरी सांस लेते हुए एक साथ ऊपर उठाएं।
- हवा में पैरों को 15 से 20 सेकंड तक रोककर रखें। आप चाहें तो पैरों को सीधा हवा में रखने के लिए दीवार का सहारा भी ले सकते हैं।
- तय समय बाद सांस छोड़ते हुए पैरों को नीचे लें।
- इस तरह से कम से कम 3 से 4 बार करें, आपको नींद आने में मदद मिलेगी।
गोमुखासन
पेट के तनाव को दूर करने और पाचन को बढ़ावा देने के लिए गोमुखासन भी बेहद मददगार है। ये पेट की मांसपेशियों को फैलाता है, उनके कार्य को बढ़ाता है और गैस एसिडीटी की परेशानी से राहत दिलाता है।
कैसे करें गोमुखासन?
- इसे करने के लिए जमीन पर मैट बिछाकर क्रॉस लेग वाली मुद्रा में बैठ जाएं।
- अपने दाएं पैर को बाएं पैर की जांघों के ऊपर रखें।
- अब अपने दाएं हाथ को कंधे के ऊपर करें और कोहनी को पीठ के पीछे जितना अधिक हो सकता है, ले जाएं।
- इसके बाद बाईं कोहनी को पीछे की ओर लाकर दोनों हाथों को मिला लें।
- इस स्थिति में कुछ देर रहें और गहरी सांस का अभ्यास करें। अब दोबारा पूर्ववत स्थिति में आ जाएं।
Disclaimer: आर्टिकल में लिखी गई सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य जानकारी है। किसी भी प्रकार की समस्या या सवाल के लिए डॉक्टर से जरूर परामर्श करें।