Mulayam Singh Yadav: साल 2003 में जब मुलायम सिंह यादव ने पहली पत्नी मालती देवी के निधन के बाद साधना गुप्ता से दूसरी शादी का फैसला लिया तो सियासी गलियारों में इसको लेकर तमाम बातें कही गईं। हालांकि मुलायम और समाजवादी पार्टी के तमाम करीबी लोगों को मुलायम और साधना के रिश्ते के बारे में बहुत पहले से पता था।

साल 1999 में जब मुलायम ने लखनऊ के सहारागंज में बेटे अखिलेश की शादी का रिसेप्शन आयोजित किया तब साधना गुप्ता पहली बार यादव परिवार के किसी कार्यक्रम में सार्वजनिक तौर पर नजर आई थीं। हालांकि तब मुलायम ने रिश्तेदारों और करीबियों से साधना का परिचय पार्टी कार्यकर्ता के तौर पर ही कराया था।

सास के सिरहाने दिन दिनभर बैठी रहती थीं साधना: मुलायम सिंह यादव और साधना गुप्ता यूं तो एक दूसरे को काफी वक्त से जानते थे। लेकिन जब मुलायम की मां मूर्ति देवी गंभीर रूप से बीमार हुईं और उन्हें इलाज के लिए लखनऊ लाया गया तब साधना ने उनका ख्याल रखने में कोई कसर नहीं छोड़ी थी। दिन दिन भर उनके सिरहाने बैठी रहती थीं। इसी दौरान मुलायम और साधना और करीब आए।

अम्मा को लखनऊ जेल जैसा लगता था: वरिष्ठ पत्रकार और लेखिका सुनीता एरॉन ने अपनी किताब “अखिलेश यादव: विंड्स ऑफ चेंज” में इस किस्से का विस्तार से जिक्र किया है। बकौल सुनीता, ‘मां के बारे में बात करते हुए मुलायम भावुक हो गए थे। उन्होंने कहा था ‘अम्मा की हर तरीके से देखभाल की गई। इसके बावजूद वो वहां 14 दिन भी नहीं रह पाईं। उन्हें लखनऊ किसी जेल की तरह लगता था और अक्सर सैफई को याद करती रहती थीं। आपको बता दें साल 2007 में लंबी बीमारी के बाद मुलायम की मां मूर्ति देवी का देहांत हो गया था।

अखिलेश भी थे दादी के बेहद करीब: अखिलेश यादव भी अपनी दादी मूर्ति देवी के बेहद करीब थे। जब टीपू ने डिंपल से शादी का फैसला लिया तो सबसे पहले उन्होंने अपनी दादी से ही इस बात का जिक्र किया था और उनकी रजामंदी ली थी। शुरुआत में पिता मुलायम और परिवार के दूसरे लोग इस शादी के खिलाफ थे लेकिन अखिलेश की दादी ने ही सबको मनाया था।