फेफड़ों में पानी भरना या कुछ तरल पदार्थ का बनना एक एक ऐसी बीमारी है जिसे पल्मोनरी एडिमा कहते हैं। इस बीमारी की वजह से बॉडी में ऑक्सीजन की कमी होने लगती है। ये बीमारी मुख्यतौर पर तब होती है जब दिल की मांसपेशियां रक्त पम्प करने में असमर्थ होती है। ऐसी स्थिति में ब्लड को पम्प करने के लिए दिल को अतिरिक्त मेहनत करनी पड़ती है। ऐसी स्थिति में फेफड़ों में मौजूद ब्लड वैसल्स पर अतिरिक्त दबाव पड़ता है और फेफड़े पर्याप्त मात्रा में हवा नहीं ले पाते हैं। ऐसी स्थिति में मरीज को सांस लेने में दिक्कत होती है। कुछ बीमारियों जैसे बीपी, हार्ट अटैक और निमोनिया की वजह से ये परेशानी तेजी से असर करती है। आइए जानते हैं कि इस बीमारी के मुख्य लक्षण कौन-कौन से हैं बचाव कैसे करें।

फेफड़ों में पानी क्यों भरता है?

फेफड़ों में पानी भरने के लिए कई परिस्थितियां जिम्मेदार होती है। दिल के रोगों की वजह से फेफड़ों में पानी भर सकता है। निमोनिया होने पर, बॉडी का कोई अंग खराब होने पर भी फेफड़ों में पानी भरने की परेशानी हो सकती है। कई हेल्थ समस्याएं जैसे ब्लड इंफेक्शन, सूजन, धमनियों का संकुचित होने पर फेफड़ों में पानी भरने की परेशानी हो सकती है। पल्मोनरी मेडिसीन नई दिल्ली के डॉ अशोक राजपूत के मुताबिक अगर इस बीमारी के लक्षणों की तुरंत पहचान कर ली जाए तो बीमारी का आसानी से उपचार किया जा सकता है।

फेफड़ों में पानी भरने के लक्षण कौन-कौन से हैं?

फेफड़ों में पानी भरने से सांस लेने में दिक्कत होती है। ऐसे लोग अगर लेट जाए तो सांस मुश्किल से आता है। इन मरीजों को झागदार थूक आता है और दिल की अनियामित धड़कन रहती है। ऐस में मरीज तनाव में रहता है और उसे घबराहट और बेचैनी महसूस होती है और पैरों में सूजन आती है।

क्या फेफड़ों में पानी भरना गंभीर है?

फेफड़े के चारों ओर पानी भरना एक गंभीर स्थिति हो सकती है। अगर बीमारी के लक्षणों की पहचान नहीं की जाए तो स्थिति गंभीर भी हो सकती है।

फेफड़ों की सेहत के लिए इन घरेलू उपचारों को अपनाएं:

  • अगर फेफड़ों को हेल्दी रखना हैं तो अदरक की चाय का सेवन करें। अदरक में मौजूद एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण बॉडी से टॉक्सिन से बाहर निकालते हैं और फेफड़ों को हेल्दी रखते हैं।
  • फेफड़ों को हेल्दी रखने के लिए दालचीनी का सेवन करें। दालचीनी का इस्तेमाल आप पानी में उबालकर कर सकते हैं।
  • हल्दी का सेवन करने से भी फेफड़ों को हेल्दी रखा जा सकता है। हल्दी में मौजूद करक्यूमिन फेफड़ों से टॉक्सिन बाहर निकालता है और फेफड़ों को हेल्दी रखता है।