डायबिटीज एक ऐसी बीमारी है जिसके लक्षणों को कंट्रोल नहीं किया जाए तो स्थिति बेहद गंभीर हो सकती है। डायबिटीज एक क्रॉनिक बीमारी है जिसके मरीजों की तादाद में लगातार इज़ाफा हो रहा है। डायबिटीज को कंट्रोल नहीं किया जाए तो उसके बढ़ने से बॉडी के जरूरी अंगों जैसे लंग्स, किडनी और दिल को नुकसान पहुंच सकता है। डायबिटीज मेटाबॉलिक डिजीज है जिसमें पैंक्रियाज इंसुलिन का उत्पादन करना बंद कर देता या फिर कम कर देता है। टाइप-1 डायबिटीज के मरीज इंसुलिन की पूर्ति के लिए इंसुलिन का इंजेक्शन लेते हैं जबकि टाइप-2 डायबिटीज के मरीज इंसुलिन के कमी को पूरा करने के लिए नैचुरल डाइट और दवाईयों का सेवन करते हैं।

डायबिटीज का बढ़ना एक बड़ी परेशानी है। एक स्तर से ज्यादा डायबिटीज का बढ़ना मौत का कारण भी बन सकता है। कई ऐसे मामले देखे गए हैं जिसमें blood sugar 600 को पार होने पर डायबिटीज कोमा की स्थिति बन जाती है। अब सवाल ये उठता है कि डायबिटीज कोमा क्या है? आइए जानते हैं कि इस स्थिति का कारण क्या है और उसका निदान कैसे करें।

डायबिटिक कोमा (What is Diabetic Coma)?

डायबिटिक डिपार्टमेंट, किंग्स कॉलेज हॉस्पिटल, लंदन के मुताबिक डायबिटिक कोमा एक ऐसी स्थिति है जिसमें इंसान बेहोशी की हालात में पहुंच जाता है। एक्सपर्ट के मुताबिक ये एक कोमा (Diabetic Coma)से जुड़ी जटिलता है जिसकी वजह से मरीज की मौत भी हो सकती है। इस स्थिति में ब्लड शुगर 600mg/dl तक पहुंच जाता है और मरीज अपनी सुध खो देता है। डायबिटीज कोमा की परेशानी ना सिर्फ हाई ब्लड शुगर के मरीजों को होती है ब्लकि शुगर का स्तर बहुत कम होने पर भी डायबिटीज कोमा की स्थिति पैदा हो सकती है।

डायबिटीज कोमा की स्थिति का कारण क्या है?

डायबिटीज कोमा का सबसे बड़ा कारण ब्लड में शुगर का स्तर 600 mg/dL से अधिक होना है। यूरीन में कोटोन्स का होना भी डायबिटीज कोमा का कारण है। ब्लड गाढ़ा होने से भी डायबिटीज कोमा की स्थिति पैदा होती है। टाइप 1 डायबिटीज वाले लोगों में एक अन्य स्थिति डायबिटिक कीटोएसिडोसिस है जिसकी वजह से डायबिटीज कोमा की स्थिति उत्पन्न होती है।

डायबिटीज कीटोएसिडोसिस (Diabetic ketoacidosis) की स्थिति तब पैदा होती है, जब ब्लड शुगर 250 mg/dL से भी कम हो जाए। डायबिटीज कोमा तब भी हो सकता है जब बॉडी ग्लूकोज की जगह फैटी एसिड का प्रयोग करती है। डायबिटीज कोमा एक मेडिकल इमरजेंसी है जिसका तुरंत उपचार करना जरूरी है।

डायबिटीज कोमा से कैसे बचाव करें:

  • इस स्थिति से बचाव करने के लिए डाइट का ध्यान रखें। डाइट में से फल, सब्जियों और साबुत अनाज का सेवन करें।
  • शुगर लेवल की रेगुलर जांच करें। ब्लड शुगर बढ़ने पर तुरंत दवाई का सेवन करें।
  • बॉडी को एक्टिव रखें। बॉडी को एक्टिव रखने के लिए रेगुलर एक्सरसाइज करें।
  • तनाव से दूर रहें। तनाव इस बीमारी को बढ़ाने की सबसे बड़ी वजह है।