केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी से हाल ही में एक कार्यक्रम में नेशनल हाईवे पर टोल शुल्क के बारे में पूछा गया था तो उन्होंने कहा था कि फ्री में कोई सुविधा नहीं मिलती है। आप कहीं भी किसी सुविधा का लाभ लेते हैं तो शुल्क देना होता है, ऐसा ही रोड के साथ भी होता है अगर आपको अच्छे हाईवे मिलते हैं तो शुल्क तो देना ही होगा।

वरिष्ठ पत्रकार प्रभु चावला ने नितिन गडकरी से पूछा था, ‘आप सड़कों के लिए मशहूर हैं। आप महाराष्ट्र में थे तो आपको पता नहीं क्या-क्या कहा जाता था। आपके आंकड़े भी मोदी जी की तरह बड़ी-बड़ी बात रखते हैं कि कोई बड़ा असर होगा। आपने कहा था कि रोज़ाना 60 किलोमीटर रोड बनाऊंगा, लेकिन आज 20 किलोमीटर की एवरेज आ रही है, ऐसा क्यों?’

नितिन गडकरी इसके जवाब में कहते हैं, ‘मैंने कभी 60 किलोमीटर कहा ही नहीं। पहले मैंने 40 किलोमीटर कहा था। अभी 28 किलोमीटर का एवरेज है। मुझे विश्वास है कि आगे आने वाले समय में हम 40 किलोमीटर तक जाएंगे। इस साल कोविड होने के बाद भी हम लोग 28 किलोमीटर पर हैं। प्रभु जी आप मेरे बारे में एक चीज जान लेना कि जो मैंने कहा है वो मैंने किया है। एक चीज है कि कही हुई बातों में कभी देर लगी होगी, लेकिन झूठा आश्वासन कभी नहीं दिया।’

प्रभु चावला कहते हैं, ‘टारगेट तो आपने ही खुद रखा। कोई हमने तो नहीं रखा।’ गडकरी कहते हैं, ’40 किलोमीटर का टारगेट मैंने कोई नया नहीं रखा है। हम लोगों के पास पैसों की कोई कमी नहीं है। पिछले कार्यकाल में मैंने 17 लाख करोड़ रुपए के काम किए। आजतक कोई कॉन्ट्रैक्टर नहीं कह सकता कि उसे पैसे नहीं मिले हैं। हमारे आने से पहले कई प्रोजेक्ट बंद पड़े थे। क्योंकि कई विभागों की क्लीयरेंस ही नहीं मिलती थी। पहले दिल्ली से मेरठ जाने के लिए 4 घंटे लगते थे, लेकिन अब आप 45 मिनट में जाओगे ये गारंटी है मेरी।’

पेट्रोल-डीजल बंद करना है उद्देश्य: हाल ही में इंडिया टुडे कॉन्क्लेव 2021 में नितिन गडकरी से पेट्रोल-डीजल के बढ़ते दाम के बारे में पूछा गया था तो उन्होंने कहा था, ‘हमारा उद्देश्य तो पेट्रोल-डीजल के आयात को कम करना है। हमलोग बायोफ्यूल, इथेनॉल, मेथेनॉल, इलेक्ट्रिक गाड़ियां, बायोडीजल, सीएनजी और अगर मजबूरी है तो एलएनजी और एलपीजी का प्रयोग करेंगे। लेकिन पेट्रोल-डीजल की दादागीरी नहीं चलने देंगे। इससे कितना प्रदूषण होता है, लेकिन कोई फायदा तो ऐसा है नहीं। दूसरा विकल्प तलाश करना हमारा उद्देश्य होना चाहिए।