उम्र बढ़ने के साथ-साथ महिलाओं की बॉडी में कई तरह के बदलाव आते हैं। इस उम्र में अक्सर महिलाओं को कमर दर्द,घुटनों का दर्द और गर्दन का दर्द परेशान करता है। अगर डाइट और लाइफ स्टाइल में बदलाव नहीं किया जाए तो बॉडी में वीकनेस बढ़ती जाती है। इस उम्र में महिलाओं की बॉडी में दो महत्यपूर्ण बदलाव होते हैं। एक हार्मोनल चेंजेस जिसकी वजह से महिलाओं के मूड में उतार चढ़ाव, दर्द,सूजन,दुबलापन और मेटाबॉलिज्म में असंतुलन और मुहांसों की परेशानी होती है। आपको बता दें कि हार्मोन्स सभी शारीरिक एवं मानसिक गतिविधियों को नियंत्रित करने का कार्य करते हैं।

इस उम्र में दूसरा सबसे बड़ा बदलाव हड्डियों का कमजोर होना है। महिलाओं की बॉडी में इस उम्र में कैल्शियम और विटामिन डी की कमी होने लगती है जिसका सीधा असर हड्डियों पर पड़ता है। इस उम्र में हड्डियों में सूजन और दर्द महिलाओं की बॉडी में दूसरा बड़ा बदलाव होता है।

आयुर्वेदिक एक्सपर्ट बाबा रामदेव के मुताबिक इस उम्र में डाइट में बदलाव किया जाएं और प्रणायाम किया जाए तो इस उम्र में होने वाली बीमारियों को टाला जा सकता है। कुछ आयुर्वेदिक जड़ी बूटियां और प्रणायाम का कॉम्बिनेशन आपकी हड्डियों को मजबूत बनाएंगा और हार्मोनल बदलाव के लक्षणों को कंट्रोल करेगा। आइए बाबा रामदेव से जानते हैं कि 40 साल के बाद बॉडी को कैसे फिट और हेल्दी रखें।

शतावर चूर्ण का करें सेवन:

अगर आप उम्र बढ़ने पर हड्डियों के दर्द जैसे कमर और गर्दन के दर्द से परेशान रहती है तो शतावर चूर्ण का सेवन करें। शतावर चूर्ण गैस्ट्रिक समस्याओं को दूर करेगा और ​लो लिबिडो को भी दुरुस्त करेगा। ये रजोनिवृति के समय मदद करता है। इस उम्र में होने वाले हॉर्मोनल बदलाव के लक्षणों को कंट्रोल करता है। गर्भावस्था के समय वरदान है शतावरी का सेवन। ये यूरीनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन से बचाव करता है। पीरियड के दौरान होने वाले दर्द और परेशानी को दूर करता है।

गोखरू और गिलोय का सेवन करें:

उम्र बढ़ने पर अगर यूरीन से संबंधी परेशानियां जैसे यूरीन में जलन या बार-बार पेशाब आने की परेशानी है तो आप गोखरू और गिलोय का सेवन करें। ये दोनों जड़ी बूटियां यूरीन लीकेज,पथरी की बीमारी और किडनी से जुड़ी सभी बीमारियों को दूर करेगा। गिलोय का इस्तेमाल महिलाएं हड्डियों से जुड़ी समस्याओं को दूर करने के लिए कर सकती है। गिलोय इम्युनिटी को बढ़ाता है और बॉडी को हेल्दी रखता है।

इन 3 योगासन का लें सहारा:

40 के बाद महिलाएं विपरीतकर्णी आसन, पर्वतासन और सुप्त वक्रासन करें। विपरीतकर्णी आसन प्रजनन सिस्टम में सुधार करेगा और ब्‍लड सर्कुलेशन को ठीक रखेगा। इसे करने से हार्मोनल बदलाव की वजह से होने वाली परेशानियां दूर होंगी। पर्वतासन करने से शरीर में हल्कापन और आराम महसूस होता है। सुप्त वक्रासन करने से बॉडी की मसल्‍स की एक्‍सरसाइज होती है। पीठ और पेट की मसल्‍स प्रभावित होती हैं और हड्डियां मजबूत होती है।

डाइट में करें बदलाव:

बढ़ती उम्र में होने वाले बदलाव और परेशानियों से बचना चाहती हैं तो डाइट में बदलाव करें। जंकफूड्स का सेवन करने से परहेज करें। इस उम्र में कोलेस्ट्रॉल,डायबिटीज और हाई बीपी की परेशानी बढ़ सकती है ऐसे में नमक और चीनी का सेवन कम करें। खाने में हरी सब्जियां और सीजन फ्रूट्स को शामिल करें।

Disclaimer: आर्टिकल में लिखी गई सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य जानकारी है। किसी भी प्रकार की समस्या या सवाल के लिए डॉक्टर से जरूर परामर्श करें।