धूप में थोड़ी देर भी बाहर निकलने पर स्किन पर टैनिंग होना आम बात है। वहीं, एक बार स्किन टैन होने पर इससे छुटकारा पाना बेहद मुश्किल हो जाता है। कई बार टैनिंग इतनी अधिक बढ़ जाती है कि ये दिखने में बेहद भद्दी लगने लगती है। ऐसे में सूरज की पराबैंगनी किरणों (Ultraviolet Rays) और टैनिंग से बचने के लिए डर्मेटोलॉजिस्ट सनस्क्रीन (Sunscreen) लगाने की सलाह देते हैं।
हालांकि, कई बार लोगों की शिकायत होती है कि सनस्क्रीन लगाने के बाद भी उनकी स्किन टैन हो जाती है। अगर आप भी इन्हीं लोगों में से एक हैं, तो ये आर्टिकल आपके लिए मददगार हो सकता है। यहां हम आपको सनस्क्रीन लगाने के बाद भी टैनिंग होने के पीछे कुछ अहम कारणों के बारे में बता रहे हैं।
क्या कहते हैं एक्सपर्ट्स?
मामले को लेकर इंडियन एक्सप्रेस संग हुई एक खास बातचीत के दौरान एस्थेटिक फिजीशियन और प्रोमेड एस्थेटिक्स की फाउंडर डॉ. आकांक्षा सिंह कॉर्नुइट ने बताया, ‘अगर आपको सनस्क्रीन लगाने के बाद भी टैनिंग हो रही है, तो हो सकता है कि आप इसे ठीक तरह से नहीं लगा रहे हैं। अक्सर लोग सनस्क्रीन लगाते समय कुछ गलतियां कर बैठते हैं, जिससे फिर उन्हें इसका सही तरीके से लाभ नहीं मिल पाता है।’
सही मात्रा
डॉ. आकांक्षा बताती हैं, ‘सनस्क्रीन लगाते समय इसकी मात्रा का ध्यान रखना बेहद जरूरी है। ज्यादातर लोग केवल एक मटर के दाने के बराबर मात्रा में सनस्क्रीन लगाते हैं और सोचते हैं कि यह पर्याप्त है। हालांकि, आपको लगभग तीन उंगलियों के बराबर सनस्क्रीन की जरूरत होती है। सनस्क्रीन को अपनी तीन उंगलियों पर लें और फिर इसे अपने चेहरे, गर्दन और कानों पर अच्छी तरह लगाएं।’
SPF 30
डॉ. के मुताबिक, ‘लोग SPF 30 का इस्तेमाल करते हैं। हालांकि, हमारे देश में कड़ी धूप से निपटने के लिए एसपीएफ 30 पर्याप्त नहीं है। इस वजह से भी सनस्क्रीन लगाने के बाद भी लोगों को टैनिंग होने लगती है। ऐसे में SPF 50 का इस्तेमाल करें।’
सनब्लॉक
डॉ. आकांक्षा आगे बताती हैं, ‘आप सनस्क्रीन की जगह सनब्लॉक का इस्तेमाल भी कर सकते हैं। सनस्क्रीन के मुकाबले ये अधिक गाढ़ी होती है। इसे कई तरह के मिनिरल इंग्रीडिएंट कॉम्पोनेंट जैसे जिंक ऑक्साइड, टिटैनियम डायऑक्साइड का इस्तेमाल कर बनाया जाता है, जो यूवी किरणों को त्वचा के संपर्क में आने से पहले ही फिजिकली ब्लॉक कर देते हैं। इससे टैनिंग की परेशानी भी नहीं होती है।’
दूसरी क्रीम के साथ न करें मिक्स
डॉ. आकांक्षा से अलग पुणे के सह्याद्री सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में सलाहकार त्वचा विशेषज्ञ डॉ. कुसुमिका कनक बताती हैं, ‘कई बार लोग अन्य क्रीम या मॉइस्चराइज़र के साथ मिलाकर सनस्क्रीन को लगाते हैं। हालांकि, ऐसा करने से सनस्क्रीन की प्रभावशीलता कम हो सकती है, जिसके परिणामस्वरूप भी टैनिंग होने लगती है। ऐसे में सनस्क्रीन को किसी अन्य क्रीम के साथ मिक्स न करें।’
रिअप्लाई जरूर करें
इन सब से अलग डॉ. कुसुमिका सनस्क्रीन को रिअप्लाई करने की भी सलाह देती हैं। डॉ. के मुताबिक, सूर्य की तीव्रता सुबह 10 बजे से शाम 4 बजे के बीच चरम पर होती है। ऐसे में सनस्क्रीन लगाने के बाद भी इस दौरान लंबे समय तक बाहर रहने से टैनिंग की संभावना बढ़ सकती है। इससे बचने के लिए हर तीन घंटे में एसपीएफ दोबारा लगाने के अलावा, सनस्क्रीन स्टिक कि बजाय पाउडर सनस्क्रीन का इस्तेमाल करें।
इन कुछ बातों को ध्यान में रखकर आप टैनिंग से बच सकते हैं और अपनी स्किन का भी ख्याल रख सकते हैं।
Disclaimer: आर्टिकल में लिखी गई सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य जानकारी है। किसी भी प्रकार की समस्या या सवाल के लिए डॉक्टर से जरूर परामर्श करें।