Immunity Boosting Yogasana: कोरोना वायरस के चलते देश में 21 दिनों का लॉकडाउन चल रहा है जिसमें कई लोग अपने मनपसंद कार्य कर रहे हैं। सोशल मीडिया पर इस बीच कुकिंग और फिटनेस चैलेंज काफी ट्रेंड कर रहे हैं। कई फिल्मी सितारे भी इंस्टाग्राम पर अपनी फिटनेस रूटीन और घर बैठे किस तरह से एक्सरसाइज किए जा सकते हैं, ये बता रहे हैं। इधर, न्यूट्रिशनिस्ट रुजुता दिवेकर ने भी आइजीटीवी के जरिये शीर्षासन करने का तरीका और इसके स्वास्थ्य संबंधी फायदे लोगों को बताए हैं। इससे पहले भी रुजुता ने कई बार हेल्दी ईटिंग हैबिट्स जैसी जानकारी सोशल मीडिया के माध्यम से लोगों को दी है।
शीर्षासन करना क्यों है जरूरी: रुजुता के मुताबिक 40 साल से अधिक उम्र की महिलाओं को शीर्षासन जरूर करना चाहिए। इस योग का दूसरा नाम हेड स्टैंड भी है। इसे करने से महिलाओं में प्री मैच्योर एजिंग का नामो-निशान नहीं रहता है। इसके अलावा, हेड स्टैंड करने से बाल भी जल्दी सफेद नहीं होते। वहीं, शीर्षासन से मन, मस्तिष्क और शरीर स्वस्थ रहता है। इसके अलावा, ये योग करने से महिलाओं का रिप्रोडक्टिव सिस्टम बेहतर रूप से कार्य करते हैं।
क्या है हेड स्टैंड करने का तरीका: बेहतर परिणामों के लिए इस योग को किस तरह करना चाहिए बता रही हैं रुजुता। शीर्षासन को हमेशा खाली पेट करना ही फायदेमंद होता है। इसे करने के लिए सबसे पहले किसी प्लेन जगह पर चटाई या कार्पेट बिछा लें और उस पर वज्रासन की मुद्रा में दोनों हाथों को जोड़कर बैठ जाएं। अब अपनी चार उंगलियों को सिर के उपर रखें। इसके बाद आगे की ओर झुकें और अपने माथे को जमीन से सटाएं। दोनों हाथ की कोहनियों को जमीन पर रखें, अपने हाथ की उंगलियों को एक साथ फंसा कर रखें। सांस की गति को नॉर्मल रखते हुए और अपने हाथों पर जोर देकर पूरे शरीर का वजन सिर पर दें। अब सबसे पहले अपने कुल्हे को उठाएं और फिर उसी तरह दोनों पैरों को भी उठाएं। नियमित रूप से इस योग के अभ्यास से आपका पैर, कमर और सिर तीनों ही एक स्ट्रेट लाइन की तरह हो जाएगी
ये हैं दूसरे फायदे: शीर्षासन को सबसे बेहतर योगासनों में से एक माना जाता है। इससे पेट संबंधी कई समस्याएं दूर हो जाती हैं। अगर आप ज्यादा समय के लिए अपनी जवानी को बरकरार रखना चाहते हैं तो इस योग को जरूर करना चाहिए। इसके अलावा, हेड स्टैंड करने से मस्तिष्क में ब्लड सर्कुलेशन भी बेहतर होता है जिसके परिणामस्वरूप लोगों की इम्यूनिटी मजबूत होती है। यह योगासन आपका मूड भी बेहतर बनाता है। इसके अभ्यास से शरीर में स्ट्रेस हार्मोन कॉर्टिसोल का निर्माण भी कम होता है। वहीं, वजन उठाने के कारण शीर्षासन करने से आपकी हड्डियां मजबूत बनती हैं। इससे हड्डियों की बीमारी ऑस्टियोपोरोसिस का खतरा कम होता है।