किसी भी महिला के लिए मां बनने का अहसास सबसे खास होता है। हालांकि, गर्भावस्था से लेकर डिलीवरी तक महिलाओं को खुद का अधिक ध्यान रखने की आवश्यकता होती है। डिलीवरी के बाद भी महिलाओं के शरीर में कमजोरी आ जाती है। लेकिन इस दौरान एक मां के लिए बच्चे को पोषण देना भी सबसे आवश्यक होता है, शिशु को यह पोषण केवल ब्रेस्ट मिल्क से ही मिल सकता है।
ऐसे में डिलीवरी के बाद कमजोरी और थकान दूर करने के लिए महिलाओं को हेल्दी और एनर्जेटिक फूड खाने की सलाह दी जाती है। क्योंकि, ऐसे खाने से केवल महिलाओं को ही नहीं बल्कि शिशु को भी पोषण मिलता है। तो आज हम आपको ऐसे खाने के बारे में बताएंगे, जिसका आप डिलीवरी के बाद सेवन कर सकते हैं।
सब्जियों और गार्लिक से बना सूप: सब्जियां शरीर के लिए काफी फायदेमंद होती हैं। यह पोषण देने के साथ ही घाव को भरने में भी मदद करती हैं। वहीं, लहसुन की बात करें, तो यह ब्रेस्ट मिल्क को बढ़ावा देता है। इस सूप में कैलोरी की मात्रा काफी कम होती है, साथ ही यह गर्भावस्था के दौरान बढ़े हुए वजन को भी कम करने में कारगर है।
इस तरह बनाएं: सब्जियों और गार्लिक के इस सूप को बनाने के लिए एक कढ़ाई में थोड़ा-सा तेल डालकर गर्म कर लें। फिर उसमें एक चौथाई बारीक कटी हुई प्याज और दो बारीक कटे हुए लहसुन डाल दें। इसके बाद अपने अनुसार सब्जियां जैसे बेबी कॉर्न, गाजर आदि मिला लें। अब इस मिश्रण में डेढ़ कप लो फैट मिल्क और 2 चम्मच ओट्स और अपने हिसाब से नमक मिला लें। जब तक सूप गाढ़ा नहीं हो जाए, तब तक उसे पकाएं।
जौ का सूप: डिलीवरी के बाद साबुत अनाज खाने की सलाह दी जाती है। क्योंकि, इनमें मौजूद पोषक तत्व महिलाओं में कमजोरी को दूर करते हैं। गेहूं में प्रोटीन, आयरन और फाइबर की अच्छी-खासी मात्रा होती है, यह घावों को जल्दी भरने का काम करते हैं। इस सूप को बनाने के लिए करीब दो घंटे तक के लिए पहले दो चम्मच जौ को भिगोकर रख दें।
इस तरह बनाएं: इस सूप को बनाने के लिए कुकर में थोड़ा-सा तेल डाल लें। फिर उसमें एक चौथाई बारीक कटी हुई प्याज और दो चम्मच घिसा हुआ लहसुन डाल लें। अब दो चम्मच जौ, एक चौथाई कप कटी गाजर, दो चम्मच धुली हुई साबुत लाल दाल और साढ़े चार कप पानी डाल लें। करीब 3 सीटी आने तक सूप को उबलने दें। फिर इसमें बारीक कटा हुआ धनिया, टमाटर, नमक डालकर उबाल लें। स्वादानुसार नमक डालकर गरमागर्म इसका सेवन करें।