किसान आंदोलन को 100 से ज्यादा दिन हो गए हैं। देश के अलग-अलग हिस्सों के किसान अभी भी दिल्ली बॉर्डर पर धरने पर बैठे हैं। उधर, किसान नेता राकेश टिकैत देश के अलग-अलग शहरों में जाकर महापंचायत को संबोधित कर रहे हैं। राकेश के अलावा उनके भतीजे गौरव टिकैत ने भी लोगों का ध्यान खींचा है। उनकी (राकेश टिकैत की) गैर-मौजूदगी में गौरव खासकर गाजीपुर बॉर्डर पर धरने पर बैठे किसानों में किसानों में जोश भरने का काम करते दिखाई पड़ते हैं।
इसके अलावा वह भी जगह-जगह पंचायत को संबोधित कर रहे हैं। गौरव, चौधरी महेंद्र सिंह टिकैत के सबसे बड़े बेटे नरेश टिकैत के पुत्र हैं। मेरठ के चौधरी चरण सिंह यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन के बाद अब वह कानून की पढ़ाई करने की तैयारी कर रहे हैं। गौरव के पास भारतीय किसान यूनियन (BKU) के युवा ब्रिगेड के राष्ट्रीय अध्यक्ष की भी जिम्मेदारी है।
‘मैं किसान नेता नहीं’: गौरव टिकैत से जब पूछा गया कि आपने कभी नौकरी या बिजनेस आदि करने की नहीं सोची, किसान नेता ही क्यों बने तो वह कहते हैं कि मैंने कब कहा कि मैं किसान नेता हूं। इसी आंदोलन में लोग कहने लगे किसान नेता…। हम तो आम किसान हैं, जहां-जहां संगठन है वहां-वहां के किसान हैं हम।
एग्रीमेंट कर लो नहीं लड़ूंगा चुनाव: किसानों की लड़ाई में चौधरी महेंद्र सिंह टिकैट की तीसरी पीढ़ी की नुमाइंदगी कर रहे गौरव टिकैत से एनडीटीवी को दिए एक इंटरव्यू में जब पूछा गया कि क्या वे चुनाव लड़ेंगे? तो उन्होंने साफ इनकार कर दिया। गौरव ने कहा कि आप हमसे इस बात का एग्रीमेंट करवा लो कि मैं चुनाव नहीं लडूंगा। वे कहते हैं कि किसानों की समस्याओं का हल आंदोलन से होता है न कि राजनीति से।
तीन साल चलेगा आंदोलन: बीते दिनों दिल्ली से सटे गाजियाबाद के मुरादनगर में एक आंदोलन को संबोधित करते हुए गौरव ने कहा था कि अगर सरकार ने प्लान किया है तो किसानों ने भी प्लानिंग कर ली है। हमारा आंदोलन तीन साल तक चलेगा। हम कतई पीछे नहीं हटेंगे। इस दौरान उन्होंने बेरोजगारी का मुद्दा उठाते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर भी तीखा हमला बोला था।