पिछले 11 महीनों से दिल्ली के बॉर्डर पर कृषि कानून रद्द करने की मांग को लेकर किसान धरने पर बैठे हुए हैं। हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने किसानों से इन बॉर्डर पर रास्ता छोड़ने के लिए कहा था। कोर्ट के ऑर्डर के बाद गाजीपुर बॉर्डर पर भी हलचल दिखाई दी थी। भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा था कि बॉर्डर के रास्तों को दिल्ली पुलिस ने बैरियर लगाकर ब्लॉक कर रखा है और इन बैरिकेडिंग तक तो वाहन आ रहे हैं, लेकिन रास्ता बंद होने के कारण वापस जाना पड़ता है।

एक अन्य इंटरव्यू में राकेश टिकैत से पूछा गया था, ‘योगी आदित्यनाथ, अखिलेश और मायावती में से कौन बेहतर है?’ उन्होंने कहा था, ‘अब जो भी मौके पर है वो ठीक रहता है। इन लोगों में कोई तुलना तो नहीं हो सकती और करें भी क्यों? हमें काम तो योगी आदित्यनाथ से लेना है तो इसलिए हमारे हिसाब से तो मौके वाला मुख्यमंत्री ही ठीक है। दूसरा तो कोई काम कर ही नहीं सकता। कई बार तो सब करने के बाद भी काम नहीं होता।’

पिछली सरकारों का जिक्र करते हुए राकेश टिकैत कहते हैं, ‘मायावती कार्यकाल में गन्ने का दाम 125 रुपए बढ़ा। अखिलेश यादव ने 65 रुपए बढ़ाया और योगी आदित्यनाथ ने 25 रुपए ही बढ़ाया। कुछ मायनों में तो और भी ठीक हैं। जो भी मौके पर आए हैं वो ठीक रहे हैं। बस हमारी तो एक ही मांग है कि मुख्यमंत्री अपना काम करें तो बात ही खत्म। अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग पार्टियों की सरकार है। हमारा तो कहना है कि जो अच्छा काम करेगा वो ठीक चलेगा। तेलंगाना, छत्तीसगढ़ का मॉडल देश में नंबर 1 है।’

अखिलेश, मायावती से होती रहती है बातचीत? ‘एबीपी न्यूज़’ के कार्यक्रम में राकेश टिकैत से पूछा गया था, ‘आपके नेता नरेश टिकैत ने कहा कि उन्हें अखिलेश यादव, जयंत चौधरी से मार्गदर्शन मिलता रहता है। क्या आप मायावती से भी मार्गदर्शन लेते हैं?’

राकेश टिकैत इसके जवाब में कहा था, ‘हमारी तो योगी आदित्यनाथ से भी बातचीत होती रहती है। हम तो ममता बनर्जी से भी बात करेंगे। क्यों वो सूबे के मुख्यमंत्री नहीं हैं? हम तो बिल्कुल उनसे बातचीत करेंगे। योगी आदित्यनाथ बीजेपी के मुख्यमंत्री नहीं हैं। योगी जी यूपी के सीएम हैं और नरेंद्र मोदी देश के पीएम हैं। मोदी जी ने कहा था कि 2022 तक फसल की कीमत दोगुनी होगी।’