Health Benefits of Radish: बवासीर यानि पाइल्स एक ऐसी परेशानी है जिनके मरीजों की संख्या देश और दुनिया में लगातार बढ़ती जा रही है। चार में से लगभग तीन वयस्क इस बीमारी से पीड़ित है। बवासीर (Hemorrhoids) की बीमारी में गुदा (anus) और निचले मलाशय (lower rectum) में सूजी हुई नसें हैं। बवासीर दो तरह की होती है आंतरिक और बाह्य। बवासीर की बीमारी के कई कारण होते हैं, लेकिन अक्सर इसका कारण अज्ञात होता है। बाहरी बवासीर गुदा के आसपास की त्वचा के नीचे होती हैं। इसके लक्षणों की बात करें तो एनस में खुजली या जलन दर्द या बेचैनी, एनस के पास सूजन और खून बहना बाहरी बहारी बवासीर के लक्षण हैं।

आंतरिक बवासीर मलाशय के अंदर होती है। इसके लक्षणों की बात करें तो मलाशय से खून बहना, स्टूल पास करते समय तनाव होना शामिल है। यह पाइल्स दर्दनाक हो सकती है। बवासीर के इलाज के लिए कई प्रभावी विकल्प मौजूद हैं। कई लोगों को घरेलू उपचार और जीवनशैली में बदलाव से भी राहत मिल सकती है। मूली एक ऐसी सब्जी है जिसका सेवन हम सब्जी बनाने में या फिर सलाद के रूप में करते हैं।

आयुर्वेदिक विशेषज्ञ आचार्य श्री बालकृष्ण के मुताबिक मूली का सेवन पाइल्स को कंट्रोल करने में बेहद असरदार साबित होता है। मूली बवासीर की आयुर्वेदिक दवा है। मूली के साथ ही उसके पत्तों का सेवन भी पाइल्स के मरीजों को फायदा पहुंचा सकता है। आइए जानते हैं पाइल्स को कंट्रोल करने के लिए मूली का सेवन कैसे फायदेमंद है।

मूली कैसे बवासीर को कंट्रोल करती है: (How radish controls piles)

मूली में रापिनिन, ग्लूकोसाइलिनेट्स और विटामिन-सी जैसे मेटाबोलाइट्स मौजूद होते हैं, जो बवासीर की वजह से होने वाली सूजन और दर्द से राहत दिलाने में मददगार है। मूली में वाष्पशील तेल पाया जाता है, जो एंटी इंफ्लेमेटरी गुणों से भरपूर होता है इसका सेवन करने से एनस की सूजन कम होती है।

मूली का सेवन करने से बवासीर में खुजली और दर्द से राहत मिलती है। सुबह के समय मूली का सेवन सेहत के लिए बेहद फायदेमंद होता है। जिन लोगों को बवासीर की शिकायत है वो मूली के पत्तों को सूखा लें और उसका पाउडर बना लें। इन पत्तों के पाउडर का दो चम्मच सेवन दिन में दो बार करने से बवासीर के दर्द से राहत मिलेगी।

मूली का सेवन करने से पाचन दुरुस्त रहता है और कब्ज से राहत मिलती है। पाइल्स के मरीजों के लिए कब्ज को दूर करना बेहद जरूरी है। मूली, डाय‍ट्री फाइबर का बेहतरीन स्रोत है। फाइबर स्टूल को सॉफ्ट करने में मदद करता है और पाचन में सुधार करता है। अगर आप या आपके परिवार में किसी को पाइल्‍स की बीमारी है तो मूली का सेवन जरूर करें।

बवासीर के मरीज मूली का सेवन कैसे करें (Radish Benefits for Hemorrhoids)

  • मूली का 20 मिली रस निकालें, और इसमें 50 ग्राम गाय का घी मिलाकर सेवन करने से बवासीर के मरीजों को फायदा पहुंचेगा।
  • 12 महीने मूली मिलना संभव नहीं है इसलिए आप मूली के पत्तों को छाया में सुखाकर उन्हें पीस लें। इस पाउडर की 50 ग्राम की मात्रा में समान मात्रा में चीनी मिलाकर उसका सेवन करें। इससे बवासीर में फायदा होता है। मूली का सेवन करने से पेशाब खुलकर आता है और कई बीमारियों का उपचार भी होता है।