चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर आज राहुल गांधी से मुलाकात करने के लिए उनके दिल्ली स्थित आवास पर पहुंचे। कयास लगाए जा रहे हैं कि प्रशांत किशोर को कांग्रेस में बड़ी जिम्मेदारी मिल सकती है। ये कोई पहली बार नहीं है जब राहुल और प्रशांत की मुलाकात हुई है। इससे पहले 2017 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में भी राहुल गांधी के साथ प्रशांत किशोर नजर आए थे। प्रशांत को ही कांग्रेस ने चुनाव प्रचार की जिम्मेदारी सौंपी थी।
हालांकि ये गठजोड़ ज्यादा दिन तक नहीं चल सका और प्रशांत किशोर-राहुल गांधी की राहें अलग हो गई थीं। प्रशांत किशोर ने ‘द लल्लनटॉप’ के साथ बात करते हुए कहा था, ‘हमने कांग्रेस के लिए चुनाव की पूरी रणनीति बनाई थी। इसमें सोनिया गांधी के वाराणसी के रोड-शो करना और किसानों के कर्ज माफी की बात तक शामिल थी। हमारी रणनीति ने काम भी किया और जिन अखिलेश यादव ने आज उन्हें 1 सीट नहीं मिल रही है उसी अखिलेश यादव ने उन्हें 110 सीटें दी थीं।’
राहुल गांधी के परिवार के हैं करीबी: प्रशांत किशोर आगे कहते हैं, ‘थोड़े बहुत जमीनी स्तर पर कांग्रेस की हवा बनी थी उसे उन्होंने गठबंधन करके सब खत्म कर लिया। मेरी गलती ये है कि उस फैसले में सहभागी न होने के बाद भी मैंने खुद को वहां से हटाया नहीं। मैं इसे स्वीकर करता हूं। अब ये कहना ठीक नहीं होगा कि मुझे हट जाना चाहिए था। इसलिए मैं जिम्मेदारी लेता है। मेरी राहुल गांधी से व्यक्तिगत तौर पर बहुत अच्छी बनती है। उसके बाद मैंने उनसे हाथ जोड़कर कहा कि अब हम लोग साथ काम नहीं कर सकते। क्योंकि मैं जो कहूंगा वो करवा नहीं पाउंगा। आपका फायदा होने की जगह नुकसान हो जाएगा।’
नरेंद्र मोदी की तारीफ में क्या बोले PK: पत्रकार करण थापर ने एक बार प्रशांत किशोर से नरेंद्र मोदी के व्यक्तित्व के विषय पर सवाल किए थे। इंटरव्यू के दौरान उन्होंने पूछा था कि लोग कहते हैं कि नरेंद्र मोदी को भारतीय लोगों की अच्छी समझ है? वह अच्छे से इस बात का अनुमान लगा लेते हैं कि लोग क्या महसूस करते हैं? प्रशांत किशोर ने उनके इस सवाल का जवाब देते हुए बताया था कि यह सब उनके अनुभव की वजह से है। अगर आप किसी एक चीज़ में 40 वर्ष बिताते हो, तो निश्चित रूप से आप होशियार और बुद्धिमान होंगे। यह सब उनके अनुभव का ही परिणाम है।