रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने कई दलों को चुनाव जिताने में मदद की है। 2014 में बीजेपी के लिए उन्होंने चुनाव के लिए रणनीति बनाई और फिर 2015 में जेडीयू के लिए। दोनों ही चुनावों में कामयाबी के बाद वह मीडिया की नजरों में आए थे। प्रशांत किशोर से एक इंटरव्यू में इस बारे में पूछा भी गया कि आखिर उनमें ऐसा क्या है नेता उनपर विश्वास करते हैं और सीएम या पीएम के करीबी लोग उनसे असुरक्षित महसूस करते हैं।

द लल्लनटॉप के साथ बातचीत में प्रशांत किशोर ने कहा, ‘ये मेरी कमी है अगर मुझसे वह लोग असुरक्षित महसूस करते हैं। मुझे लगता है कि मुझे कठिन परिश्रम और खुद पर काम करने की जरूरत है ताकि आसपास के लोग सुरक्षित महसूस कर सकें।। आप कहीं आते हैं और आपको एक टास्क दिख रहा है तो आप बहुत जल्दी सोचते हैं। ऐसे में आप अन्य लोगों के बारे में नहीं सोच पाते हैं कि आसपास के लोग क्या सोचते हैं?’

प्रशांत किशोर आगे कहते हैं, ‘अगर मैं आपकी चुनाव में मदद कर रहा हूं तो आप मुझे सिर्फ रणनीतिकार नहीं बुला सकते क्योंकि ये एक युद्ध की स्थिति होती है। मुझ पर दोनों ही तरफ से दोस्त बनाने के आरोप लगते हैं, राहुल से लेकर मोदी तक और प्रियंका गांधी तक। मेरे कई दोस्त हैं। अगर आप युद्ध में हैं तो आप दोस्त नहीं बनाते। आपका ध्यान सिर्फ युद्ध जीतने पर ही रहता है। अगर आप दोस्त बनाने लग जाएंगे तो ठीक नहीं होगा। इसका असर भी फिर आगे दिखता है।’

नरेंद्र मोदी के बारे में क्या बोले प्रशांत किशोर: प्रशांत किशोर से करण थापर ने अपने इंटरव्यू में पूछा था कि क्या वे अब नरेंद्र मोदी को हराने के लिए काम करेंगे? इस सवाल के जवाब में भी उन्होंने बिल्कुल सटीक जवाब दिया था। उन्होंने कहा था, ‘नरेंद्र मोदी को मैंने नहीं बनाया है। इसलिए मेरी लाइफ का कभी भी ये मकसद नहीं रहा कि मैं किसी को हराने के लिए काम करूं। नरेंद्र मोदी बहुत अच्छे श्रोता हैं उनसे अच्छे से बात करना बहुत आसान भी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भारतीय लोगों की समझ बहुत अच्छी हैं। वह आसानी से अनुमान लगा लेते हैं कि लोग क्या महसूस करते हैं।’