प्रशांत किशोर ने साल 2017 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के लिए प्रचार की रणनीति बनाई थी। प्रशांत किशोर ने हाल ही में एक बार फिर राहुल गांधी से मुलाकात की है। इस मुलाकात के बाद प्रशांत किशोर और राहुल गांधी के साथ आने की कवायद तेज हो गई है। प्रशांत किशोर कई इंटरव्यू में राहुल गांधी की तारीफ कर चुके हैं। एक इंटरव्यू में उन्होंने राहुल गांधी से अपनी पहली मुलाकात के बारे में बताया था।
साल 2014 में बीजेपी के लिए चुनावी रणनीति तैयार कर चर्चा में आए प्रशांत किशोर ने 2015 बिहार विधानसभा चुनाव से पहले जेडीयू का हाथ थाम लिया था। सीएम नीतीश कुमार के साथ प्रशांत किशोर कई मौकों पर नजर आए थे। ये चुनाव आरजेडी और जेडीयू ने साथ मिलकर लड़ा था और ऐतिहासिक जीत दर्ज की थी। प्रशांत किशोर ने ‘द लल्लनटॉप’ से बात करते हुए बताया था, ‘राहुल गांधी और मेरी मुलाकात शपथ ग्रहण के मंच पर नहीं हुई थी।’
प्रशांत किशोर बताते हैं, ‘शपथ ग्रहण के बाद एक हाई-टी का आयोजन किया गया था। उसमें मेरी राहुल गांधी जी से बात हुई थी। फिर मेरा संपर्क उनसे चलता रहा था। उन्होंने पूछा तो हमने कहा कि हम यहां ठीक हैं अब हो गया। मैंने राहुल गांधी का ऑफर नहीं माना। फरवरी के महीने में उनसे मेरी मुलाकात हुई। उन्होंने मुझसे कहा कि आप यूपी का चुनाव कर सकते हो? अब जब आप युवा होते हो तो आपकी एक हवा भी बन जाती है।’
प्रशांत किशोर कहते हैं, ‘मैंने अपने लड़कों से बात भी की। उन्होंने मुझे कहा कि यूपी में अगर कांग्रेस को जीत दिलवा देते हो तो उससे बड़ी कोई बात नहीं हो सकती। फिर हमने यूपी का रुख किया और एक प्लान बनकर कांग्रेस के सामने पेश किया। कुछ चीजों पर वह तैयार नहीं थे। जिसमें हम चाहते थे कि उत्तर प्रदेश का चेहरा प्रियंका गांधी को बनाया जाना चाहिए।’
राहुल के बारे में क्या बोले थे पीके: बरखा दत्त से बात करते हुए प्रशांत किशोर ने कहा था, ‘मेरे और राहुल गांधी के बीच कई चीजों को लेकर मतभेद हैं। वो सोचते हैं कि नरेंद्र मोदी को हराकर ही कांग्रेस चुनाव जीत सकती है। जबकि मेरा मानना है कि कांग्रेस अध्यक्ष के रूप में उन्हें पार्टी मजबूत करने पर काम करना चाहिए। भले ही चुनाव जीतने में 5-10 साल लग जाएं।’