World Heritage Day 2025: विश्व की सांस्कृतिक और ऐतिहासिक स्थलों को विरासत के रूप में संरक्षित रखने के लिए यूनेस्को (UNESCO) की तरफ से हर साल 18 अप्रैल को ‘व‌र्ल्ड हेरिटेज डे’ मनाया जाता है। यह दिन दुनियाभर की एतिहासिक स्मारकों के लिए खास होता है। क्योंकि इस मौके पर लोग ऐतिहासिक और प्राकृतिक धरोहरों से जुड़ने और आने वाली पीढ़ियों के लिए बचाए रखने के लिए प्रयास करने का प्रण लेते हैं। ‘आपदाओं और संघर्षों से खतरे में पड़ी विरासत: तैयारी और सीख ICOMOS की 60 वर्षों की कार्रवाई से’ (Heritage under Threat from Disasters and Conflicts: Preparation and Response from ICOMOSs 60 Years of Action) तय की गई है। आज के इस खास दिन हम आपको भारत की 5 ऐसी अजीब World Heritage Sites के बारे में बताने जा रहे हैं, जिनका इतिहास बेहद रोचक है।

बेसिलिका ऑफ बॉम जीसस, गोवा (Basilica of Bom Jesus Goa)

भारत के गोवा में स्थित बेसिलिका ऑफ बॉम जीसस एक कैथोलिक चर्च है। यह न केवल एक प्रतिष्ठित चर्च है बल्कि तीर्थस्थल भी है। इसे यूनेस्को की तरफ से विश्व धरोहर स्थल के रूप में मान्यता प्राप्त है। यहां सेंट फ्रांसिस जेवियर की डेड बॉडी है। वह अपने समय के काफी फेमस पादरी थे। ऐसा बताया जाता है कि उनके नाखून आज भी बढ़ते रहते हैं। हर साल किसी खास दिन पर इनकी कटिंग भी की जाती है।

वैली ऑफ फ्लावर्स (Valley of Flowers National Park)

उत्तराखंड की वैली ऑफ फ्लावर्स को भी यूनेस्को ने विश्व धरोहर स्थल के रूप में सहेजा है। यहां आपको फूलों की घाटी में अल्पाइन फूलों के घास के मैदान और वनस्पतियों की विविधता देखने को मिल जाएगी।

दार्जिलिंग हिमालयन रेलवे (Darjeeling Himalayan Railway)

दार्जिलिंग हिमालयन रेलवे लाइन प्राकृतिक खूबसूरती का भंडार है। यहां आप टॉय ट्रेन (toy train) से सफर करने का यादगार अनुभव ले सकते हैं। यह जलपाईगुड़ी रेलवे स्टेशन से होते हुए सिलीगुड़ी और दार्जिलिंग तक जाती है।

नीलगिरी माउंटेन रेलवे (Nilgiri Mountain Railway Line)

नीलगिरी माउंटेन रेलवे लाइन साउथ का बेहद सुंदर धरोहर है। ये नदी को पार करती हुए हरे जंगलों और पहाड़ों से गुजरती है। इस रेलवे लाइन नीलगिरी के पहाड़ों से गुजरती है जो कि लोगों को सबसे सुंदर अनुभव देता है।

महाबलीपुरम (Mahabalipuram)

महाबलीपुरम को भी यूनेस्को ने विश्व धरोहर स्थल में स्थान दिया है। तमिलनाड के कोरोमंडल तट पर स्थित, पल्लवों का एक प्रसिद्ध बंदरगाह शहर था। यह जगह गुफा मंदिर,अखंड मंदिर, मूर्तियां और संरचनात्मक खुदाई के अवशेषों के लिए फेमस है।