मेघालय के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने गोवा सरकार पर भ्रष्टाचार के कई गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा, गोवा में बहुत भ्रष्टाचार है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इस पर तुरंत ध्यान देना चाहिए। गोवा सरकार ने जो भी किया, उसमें भ्रष्टाचार था। भ्रष्टाचार पर ध्यान दिलाने के बाद ही मुझे गोवा के राज्यपाल पद से हटाया गया था। मलिक ने ये बात इंडिया टुडे के वरिष्ठ पत्रकार राजदीप सरदेसाई के साथ इंटरव्यू में कही।

राजदीप सरदेसाई ने सवाल किया, ‘आप कह रहे हैं, प्रधानमंत्री तो शुरुआत से ही भ्रष्टाचार के खिलाफ हैं। जब आपने उन्हें ये बात बताई तो उन्होंने मुख्यमंत्री को नहीं हटाया बल्कि आपको क्यों हटा दिया? अगर पीएम भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त होते तो आपको क्यों हटाते?’ इस पर सत्यपाल मलिक ने जवाब दिया, ‘इस पर मैं आपको भेज दूंगा। कोंकणी में गीत बने थे वहां पर। प्रधानमंत्री भ्रष्टाचार के खिलाफ हैं। उन्होंने कुछ लोगों से वहां पर पूछा कि गवर्नर बता रहे हैं कि भ्रष्टाचार हो रहा है।’

सत्यपाल मलिक आगे कहते हैं, ‘उन सभी लोगों ने कहा होगा कि ऐसा कुछ नहीं हो रहा है। क्योंकि वो सभी लोग वही थे जो खुद उस भ्रष्टाचार में लिप्त थे। मुझे ED या IT से कोई डर नहीं है। हालात देश के ये हो गए हैं कि सच बोलने की हिम्मत कोई नहीं कर रहा है। आप खुद देख लो मीडिया की भी ऐसी ही हालत हो गई है। पहले देश में राजनीति करने का एक उद्देश्य हुआ करता था, लेकिन अब राजनीति करने लायक भी नहीं बची है। पहले इस प्रकार की राजनीति बिल्कुल नहीं हुआ करती थी।’

मिला था रिश्वत का ऑफर: कुछ दिनों पहले सत्यपाल मलिक राजस्थान के झुंझुनू पहुंचे थे। यहां उन्होंने बताया था, ‘जब मैं जम्मू एवं कश्मीर का राज्यपाल था तो ‘अंबानी और राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ’ से जुड़े व्यक्ति की फाइल पास करने के बदले उन्हें 300 करोड़ रुपए घूस की पेशकश की गई थी। जबकि प्रधानमंत्री मोदी को जब इस बारे में पता चला तो उन्होंने मुझे भ्रष्टाचार से कोई समझौता नहीं करने की सलाह दी थी और मुझे सपोर्ट भी किया था।’

बाद में अपने बयान पर माफी मांगते हुए मलिक ने कहा था, ‘उस दिन गलती हुई थी। मैंने किसी व्यक्ति के संबंध में आरएसएस का नाम लिया था। इसमें आरएसएस कहीं नहीं आता है। मैं इसके लिए माफी मांगता हूं।’

बता दें, 3 नवंबर 2019 को सत्यपाल मलिक को गोवा का राज्यपाल बनाया गया था। 18 अगस्त 2020 को उन्हें गोवा से हटाकर मेघालय का राज्यपाल बनाया गया था। इससे पहले वह 23 अगस्त 2018 को जम्मू एवं कश्मीर के राज्यपाल बने थे। इस पद पर वह 30 अक्टूबर 2019 तक रहे थे।