बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव ने राजनीति में आने से पहले आर्थिक संकट का सामना किया था। लालू यादव कई जगह इस बारे में खुलकर बात कर चुके हैं। एक बार लालू प्रसाद यादव ने ऐसा ही किस्सा सुनाया था, जब वह बिना टिकट लिए बस में सफर करने लगे थे। उनसे जब कंडक्टर ने टिकट मांगी तो उसकी पिटाई कर दी थी। लालू प्रसाद यादव ने टीवी शो ‘जीना इसी का नाम है’ में ये किस्सा साझा किया था।

लालू प्रसाद यादव ने बताया था, ‘कॉलेज से हवाई अड्डे तक जाने में 5-7 किलोमीटर लंबा रास्ता तय करना पड़ता था। न साइकिल होती थी और न कुछ अन्य साधन होता था। अब मुझे चिंता होती थी कि रोज़ाना ऐसा कैसे काम चल पाएगा कि पढ़ाई भी करनी है और बाकि सब चीजें भी देखनी होती थी। एक बस कंडक्टर थे। पैसे भी नहीं होते थे हमारे पास। अब मैं बिना टिकट के ही बस में बैठ गया।’

लालू यादव आगे बताते हैं, ‘अब बैठते के साथ ही बस कंडक्टर ने मुझसे टिकट के लिए पैसे मांग लिए। जैसे ही उसने पैसे मांगे तो मैंने हल्की उसकी पिटाई कर दी। मैंने उसकी पिटाई करने के बाद कहा कि तुम्हें मालूम नहीं है कि हम लालू प्रसाद यादव हैं। अब उधर जितने भी रूट में बदलकर कंडक्टर आएं सभी मुझे देखते ही कहने लगें- प्रणाम बॉस। अब इससे मैं अपने साथ 4-5 लोगों को भी फ्री में ले जाता था। जिन लोगों के साथ मेरा ऐसा व्यवहार रहा तो सत्ता में आने के बाद मैंने ऐसे सभी लोगों की मदद भी बहुत की थी।’

पुलिस में भर्ती होने चाहते थे लालू यादव: लालू प्रसाद यादव के स्कूल के दोस्त ने बताया था कि वह राजनीति में आने से पहले सरकारी नौकरी करना चाहते थे और उनकी पहली पसंद पुलिस थी। लालू प्रसाद यादव अपने दोस्त के साथ पुलिस में भर्ती होने के लिए भी चले गए थे। लेकिन जबतक वह पहुंचे तो भर्ती दौड़ शुरू हो चुकी थी। लालू इसमें पीछे थे तो इन्होंने दोस्त से कहा कि मुझे भीड़ में ही धक्का दे देना। उनके दोस्त ने भी ऐसा ही किया और लालू यादव भीड़ के साथ ही दौड़ने लगे, लेकिन वहां मौजूद एक पुलिस कर्मी की उन पर नज़र चली गई और वह पकड़े गए थे।