बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव हाल ही में दिल्ली से पटना पहुंचे हैं। बिहार में दो सीटों पर उपचुनाव भी होने वाले हैं। ऐसे में लालू के बिहार पहुंचने को सियासी दांव भी कहा जा रहा है। लालू के दोनों बेटों के बीच मनमुटाव भी खुलकर सामने आया था। लेकिन अपने पिता को लेने के लिए तेज प्रताप यादव पहले ही समर्थकों के साथ पहुंच गए थे जबकि तेजस्वी यहां नजर नहीं आए थे। लालू ने यहां पहुंचते ही साफ कर दिया है कि वह आगे की राजनीति फिलहाल कांग्रेस से दूर रहकर ही करेंगे।
लालू प्रसाद यादव अक्सर अपने भाषण में बीजेपी पर भी निशाना साधते रहते हैं। एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा था, ‘बिहार में बीजेपी के मंसूबों को कभी कामयाब नहीं होने दिया जाएगा। एक बार पहले भी हम आडवाणी जी को गिरफ्तार कर इस बात का सबूत दे चुके हैं।’ लाल कृष्ण आडवाणी की गिरफ्तारी से जुड़े किस्से का जिक्र लालू प्रसाद यादव ने अपनी जीवनी ‘गोपालगंज से रायसीना’ में भी किया है।
कुछ जगह होने लगा था विरोध: लालू ने लिखा, ‘आडवाणी जी को गिरफ्तार करने के बाद मैंने सभी डीएम और एसपी को राज्य में कानून-व्यवस्था के मोर्चे पर सख्ती बरतने का निर्देश दिया था। मैंने उन्हें खासतौर पर निर्देश दिया कि जहां भी समाज-विरोधी तत्व इकट्ठा होकर हिंसक होने की कोशिश करें, तो तत्काल लाठीचार्ज और फायरिंग करें। इसके अलावा मैंने डीएम और एसपी को दंगा भड़काने वाले लोगों की गिरफ्तारी की भी खुली छूट दे दी थी। मंडल कमीशन की रिपोर्ट का विरोध कर रहे कुछ लोगों को आडवाणी की गिरफ्तार के बहाने अपना विरोध जताने की छूट भी मिल गई थी। कुछ जगहों पर ऐसा करने की कोशिश हुई भी।’
लालू ने अपनी किताब में आगे लिखा, ‘आडवाणी जी की गिरफ्तारी के बाद के हालात पर संक्षेप में बात करूं तो बिहार में कुछ भी ऐसा हुआ नहीं जिससे कानून-व्यवस्था खराब हो। उनकी गिरफ्तार के बाद मेरे पास मुफ्ती मोहम्मद सईद का फोन आया था। उन्होंने राष्ट्रीय मोर्चा सरकार के बने रहने के हक में मुझसे आडवाणी को रिहा करने का अनुरोध किया था। मैंने उनसे कहा कि आपको सत्ता का नशा चढ़ गया है। यह कहते ही मैंने फोट काट दिया।’
पत्रकार बनकर किया था फोन: लालू ने बताया था, ‘मैंने लाल कृष्ण आडवाणी को गिरफ्तार करने का फैसला किया तो अधिकारियों का कहना था कि इससे माहौल बिगड़ सकता है। मैंने हालात का जायजा लेने के लिए रात को सर्किट हाऊस में फोन किया था।’ यहां लाल कृष्ण आडवाणी के सहयोगी ने लालू को बताया कि वह फिलहाल आराम कर रहे हैं और उनके समर्थक जा चुके हैं। लालू ने इसके बाद तुरंत आडवाणी को गिरफ्तार करने का आदेश दिया।