Sabudana Harmful Effects: साबूदाना के बारे में हर कोई जानता है। आमतौर पर साबूदाना को पौष्टित डाइट माना जाता है। अधिकांश लोग उपवास के दिनों में साबूदाना का इस्तेमाल करते हैं जबकि साबूदाना से पापड़ी भी बनाई जाती है जिसका इस्तेमाल स्नैक्स के रूप में किया जाता है। माना जाता है कि साबूदाना से पाचन शक्ति मजबूत होती है। इतना ही नहीं साबूदाना को हड्डियों की मजबूती के लिए भी जाना जाता है। साबूदाना से ब्लड प्रेशर भी कंट्रोल रहता है।
गर्मी में साबूदाना का सेवन बॉडी को कूल रखता है, साथ ही बॉडी में खून की कमी को भी पूरा करता है। अगर आपका वजन कम है तो आप साबूदाना खाएं। साबूदाना का सेवन ब्रेन की हेल्थ को दुरुस्त करता है। इन सारी खूबियों के बावजूद साबूदाना को लेकर एक्सपर्ट चेतावनी देते हैं। एक्सपर्ट के मुताबिक साबूदाना का अधिक सेवन सेहत के लिए घातक साबित हो सकता है। इसका अधिक सेवन क्रॉनिक बीमारी डायबिटीज को सातवे आसमान पर पहुंचा सकता है। एक्सपर्ट के मुताबिक साबूदाना ब्लड शुगर का स्तर तेजी से स्पाइक करता है।
ब्लड शुगर को आसमान पर पहुंचाता है
फिटनेस एक्सपर्ट कृष अशोक बताते हैं कि आमतौर पर साबूदाना को लोग पौष्टिक डाइट मानते हैं जिसका फास्ट में ज्यादा इस्तेमाल होता है लेकिन यह बात बिल्कुल भी सच नहीं है। खासकर जो लोग नए-नए साबूदाना का सेवन कर रहे हैं, उनके लिए यह हेल्दी नहीं है। कृष अशोक ने बताया कि वे खुद भी साबूदाना के फैन है। उन्हें भी साबूदाना बेहद स्वादिष्ट लगता है। इस मामले में सच में साबूदाना बैलेंस डाइट है, लेकिन यह अल्ट्रा प्रोसेस्ड स्टार्च है। इसके सिवा कुछ भी नहीं।
अगर हम सीधे शब्दों में कहे तो यह कार्बोहाइड्रैट बम है। कृष अशोक ने कहा कि जो लोग फास्ट में साबूदाना खाते हैं, एक तरह से वह कार्बोहाइड्रैट बम को खा रहे होते हैं। यानी साबूदाना खाने के बाद ब्लड शुगर आसमान पर पहुंच जाएगा। कृष अशोक यह भी बताते हैं कि साबूदाना पुराने लोगों की पसंद नहीं थी बल्कि यह 1940 से 1950 के बीच भारत में आया। यह मूल रूप से दक्षिण पूर्व एशिया से भारत में आया।
अकेले कभी न करें सेवन
कृष अशोक ने बताया कि साबूदाना अल्ट्रा प्रोसेस्ड डाइट है जिसमें सिर्फ 0.2 प्रतिशत प्रोटीन होता है जबकि इससे ज्यादा मैदा में 10 से 12 प्रतिशत प्रोटीन पाया जाता है। आमतौर पर मैदा को लोग साबूदाना की तुलना में बहुत खराब मानते हैं। इसमें स्टार्च के अलावा कुछ भी अच्छी चीज नहीं होती। इसके बावजूद व्रत में इसे सुपरफूड में गिना जाता है। न्यूट्रिशनिस्ट मुग्धा प्रधान इस बात से सहमत होते हुए बताती हैं कि साबूदाना बहुत ज्यादा रिफाइंड होता है।
इसमें सब कुछ स्टार्च होता है जिसके कारण इसका पाचन बहुत जल्द हो जाता है और बहुत तेजी के साथ इसमें से कार्बोहाइड्रैट निकल जाता है। इसका ग्लाइसेमिक इंडेक्स बहुत ज्यादा होता हैृ, इसलिए जिन लोगों को डायबिटीज है, उन्हें साबूदाना का सेवन नहीं करना चाहिए। इसलिए एक्सपर्ट कहते हैं कि यदि साबूदाना को खाना ही है तो इसे अच्छी तरह पहले पानी में भिंगोने के लिए छोड़ दें। साबूदाना को कभी भी अकेले न खाएं। इसके साथ नारियल, मूंगफली आदि मिलाकर खाएं।