हाई ब्लड प्रेशर एक ऐसी बीमारी है जिसके लिए हमारी निष्क्रिय जीवन शैली, तनाव, नशीले पदार्थों का सेवन और खराब खान-पान जिम्मेदार है। एक तंदरुस्त आदमी के सामान्य ब्लड प्रेशर का स्तर 120/80 mmHg से कम होता है। इस स्तर से ज्यादा बीपी को हाई बीपी कहा जाता है। बीपी को कंट्रोल करने के लिए डाइट का ध्यान रखना और तनाव से दूर रहना जरूरी है। डाइट में कुछ खास फूड्स का सेवन करके भी बीपी को कंट्रोल किया जा सकता है। दही एक ऐसा फूड्स है जिसे बीपी के मरीजों के लिए फायदेमंद माना जाता है।

दही को हेल्दी डाइट में गिना जाता है। दही हमारी थाली का अहम हिस्सा है जो हमारे खाने के स्वाद को बढ़ाती है। दही का सेवन लोग खाने में रायते के रूप में अक्सर करते हैं। दोपहर के खाने में दही का सेवन सेहत के लिए फायदेमंद माना जाता है।

दही सेहत के लिए उपयोगी प्रोबायोटिक में से एक है जो कैल्शियम का बेहतरीन स्रोत है। इसमें मौजूद पोषक तत्वों की बात करें तो ये प्रोटीन, कैल्शियम, राइबोफ्लेविन, विटामिन B6 और विटामिन B12 जैसे पोषक तत्वों से भरपूर होती है जो बॉडी में पोषक तत्वों की कमी को पूरा करती है। रोज़ाना दोपहर के खाने में दही का सेवन करने के बॉडी को अनगिनत फायदे पहुंचते हैं। आइए जानते हैं कि प्रोबायोटिक दही का सेवन सेहत पर कैसा असर करता है और ये बीपी के मरीजों के लिए कैसे फायदेमंद है।

दही का सेवन क्या ब्लड प्रेशर को कर सकता है कंट्रोल?

एक रिसर्च के मुताबिक दही का सेवन हाई ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने में असरदार साबित होता है। प्रोबायोटिक्स आंत माइक्रोबायोम की संरचना को दुरुस्त करते हैं और गुड बैक्टीरिया को बढ़ाते हैं। इसका सेवन करने से आंतों की सूजन और अन्य आंतों की बीमारियों की रोकथाम होती है। हम सभी जानते हैं कि आंतों में होने वाली सूजन बीपी और दिल के रोगों को बढ़ावा देती है।

क्रॉनिक सूजन धमनी की दीवारों को पतला कर देती है, रक्त वाहिकाओं की परत को नुकसान पहुंचाती है, जिससे दिल को ब्लड को पंप करने के लिए और ज्यादा मेहनत करनी पड़ती है। इससे बीपी बढ़ जाता है। अगर आंत में अच्छे बैक्टीरिया ज्यादा हैं तो सिस्टेमिक इंफ्लामेशन को कम कर सकते हैं और दिल पर पड़ने वाले दबाव को कम कर सकते हैं। हांगकांग के शोधकर्ताओं द्वारा चूहों पर किए गए एक अध्ययन के अनुसार रोजाना प्रोबायोटिक्स का सेवन हाई ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने में असरदार है।

दही के सेहत के लिए फायदे

प्रोबायोटिक दही को अपनी डाइट में शामिल करके आप बॉडी में प्रोटीन की कमी को पूरा कर सकते हैं। दही खाने की क्रेविंग को कंट्रोल करता है और भूख को शांत करता है। दही में मौजूद कैल्शियम कोर्टिसोल या तनाव हार्मोन को कंट्रोल करता है। दही का सेवन करने से वजन कंट्रोल रहता है।

प्रोबायोटिक दही पोटैशियम और मैग्नीशियम जैसे खनिजों से भरपूर होती है, जो कोशिकाओं में अतिरिक्त पानी को बाहर निकालती है और उसे आसानी से मूत्राशय तक पहुंचाती है। इसका सेवन करने से बीपी कंट्रोल रहता है। दही का सेवन इम्युनिटी में सुधार करता है। इसका सेवन करने से हड्डियां मजबूत होती है और यूरीन इंफेक्शन से भी बचाव होता है।