पाइल्स या बवासीर एक ऐसी परेशानी है जो किसी भी उम्र में किसी को भी परेशान कर सकती है। कब्ज की वजह से पनपने वाली ये बीमारी दो तरह की होती है। एक खूनी बवासीर तो दूसरी बादी बवासीर। खूनी बवासीर में मस्से सुर्ख होते है और उनसे खून निकलता है जबकि बादी बवासीर में मस्से काले रंग के होते है और मस्सों में खुजली,सूजन और दर्द होती है। पाइल्स गुदा से संबंधित बीमारी है जिसमें गुदा द्वार की नसे सूजने लगती है।

बवासीर की वजह से एनस के अंदरूनी या फिर बाहर के हिस्से में मस्से बन जाते हैं जिनसे कई बार खून तक निकलने लगता है। इस परेशानी की वजह से स्टूल पास करने में मस्से बाहर आने लगते हैं। इन मस्सों के साथ खून आना भी बवासीर के लक्षण हैं। डाइट में फ्राई फूड, प्रोसेस फूड,मसालेदार भोजन,एल्कोहल, डेयरी प्रोडक्ट,रिफाइंड ग्रेन और ज्यादा नमक का सेवन करने से बवासीर की बीमारी होती है।

बवासीर की बीमारी में जड़ वाली सब्जी बेहद असरदार होती है। सूरन की सब्जी जिसे जिमीकंद के नाम से भी जाना जाता है। आयुर्वेद में कहा गया है कि ये सब्जी बवासीर के लिए रामबाण दवा की तरह असर करती है। आयुर्वेद डॉक्टर मिहिर खत्री ने बताया है कि ये सब्जी किस तरह बवासीर के लक्षणों को कंट्रोल करती है और इसका सेवन किस तरह किया जा सकता है।

जिमिकंद कैसे बवासीर को कंट्रोल करती है:

जिमिकंद या सूरन एक ऐसी सब्जी है जिसका सेवन करने से कब्ज,पेट में दर्द,पीलिया और लिवर से जुड़ी बीमारियों का उपचार करने में मदद मिलती है। ये सब्जी पाचन को दुरुस्त करती है और अपच से राहत दिलाती है। पाइल्स की बीमारी के लिए कब्ज जिम्मेदार है,ये सब्जी कब्ज से निजात दिलाती है। इसका सेवन करने से पेट में कीड़े,पेट दर्द और पाचन से जुड़ी कई समस्याओं से राहत मिलती है और पाइल्स की समस्या दूर होती है।

पाइल्स की परेशानी में जिमिकंद का सेवन कैसे करें:

अगर आप खूनी बवासीर से परेशान हैं तो छाछ के साथ जिमिकंद को उबालकर उसका सेवन कर सकते हैं। इस सब्जी का सेवन सुबह और शाम करें आपको खूनी बवासीर के लक्षणों से निजात मिलेगी। आपको बता दें कि खूनी बवासीर वाले मरीज कम तेल और कम मसालों का सेवन करके इस सब्जी का सेवन करें।