सिर्फ रोज़ खाए,आराम करें और वर्कआउट नहीं करें तो वजन का बढ़ना लाज़मी है। अनहेल्दी डाइट और बिगड़ता लाइफस्टाइल वजन बढ़ाने में पूरी तरह जिम्मेदार है। अगर डाइट और खान-पान पर कंट्रोल किया जाए तो वजन 100 किलों होने पर भी कंट्रोल किया जा सकता है। आज हम एक ऐसे सफल मैराथनर की कहानी आपको बताने जा रहे हैं जिसने 94 किलों वजन अपनी मेहनत और लगन के बल पर कम किया है। मैराथन धावक शाजान सैमुअल एक ऐसे शख्स हैं जो दुनिया के बेहतरीन मैराथन धावक है। शाजान ने हाल ही में बताया है कि उन्होंने जब दौड़ना शुरू किया तो उनका वजन 94 किलोग्राम था। उन्होंने अपनी डाइट और लाइफस्टाइल में पूरी तरह बदलाव किया आज वो फिट इंडिया के ब्रांड एंबेसडर हैं। इस मैराथनर की दौड़ की बात करें तो इन्होंने न्यूनतम 13,000 फीट और अधिकतम 17,000 तक दौड़ लगाकर दुनिया में नाम कमाया है।

दो बेटियों के पिता और एप्टेक लिमिटेड के उपाध्यक्ष सैमुअल ने 21 फरवरी को गढ़वाल रन पूरा करने के बाद ला अल्ट्रा के लिए क्वालीफाई किया। उन्होंने 7,600 फीट की ऊंचाई पर दौड़ने के बाद यह उपलब्धि हासिल की। उन्होंने देहरादून से धनोल्टी के बीच 74 किमी की दूरी 10 घंटे 49 मिनट में पूरी की। दुनिया में नाम कमाने वाला ये मैराथन धावक कभी इतना ज्यादा वजन का था कि इसे देखकर कोई अंदाज़ा नहीं लगा सकता था कि ये अपनी मेहनत और लगन से वजन को कम करेगा और इस मुकाम को हासिल करेगा।

शाजान सैमुअल की वेट लॉस जर्नी

शाजान सैमुअल ने जब दौड़ना शुरू किया था उनकी उम्र 36 साल की थी और वजन लगभग 92 किलो था। उनके इतने वजन के लिए उनकी गातिहीन जीवन शौली और खराब डाइट जिम्मेदार थी। एक्सपर्ट ने बताया कि उन्होंने अपने वजन को कम करने के लिए दौड़ने के बारे में सोचा और दौड़ना शुरु कर दिया। उन्होंने बताया कि शुरूआत में वो 100 मीटर भी नहीं दौड़ सके। 2013 में मैंने उन्होंने दोबारा दौड़ना शुरू किया,लेकिन यह अच्छी शुरुआत नहीं रही। धीरे-धीरे उन्होंने 1 किमी, फिर 2 किमी दौड़ना शुरू किया और दूरी बढ़ाते रहे। उन्होंने बताया कि जब में 10 किमी दौड़ता था तब भी उनका वजन 92 किलो ही था।

सैमुअल ने वजन कम करने के लिए ये रूटीन अपनाई

एक्सपर्ट ने बताया कि वो वजन कम करने के लिए रात 9 बजे सो जाते हैं, सुबह 4 बजे उठते हैं, दिन में दो बार भोजन करते है,खाने में किसी भी तरह शुगर का सेवन नहीं करते,उनकी हार्ट रेट 40 बीट प्रति मिनट है, हफ्ते में 5 दिन दौड़ते हैं और दो दिन स्ट्रेंथ ट्रेनिंग लेते है। वेट लॉस जर्मी को आसान बनाने के लिए उन्होंने अपनी आदतों में भी बदलाव किया। वो कोई नेटफ्लिक्स, अमेज़ॅन प्राइम और टीवी नहीं देखते। लिफ्ट का इस्तेमाल नहीं करते बल्कि सीढ़ियां चढ़ते हैं। अपनी मेहनत और लगन के बल पर शाजान सैमुअल ने ना सिर्फ अपना मुकाम हासिल किया बल्कि अपना वजन भी घटाकर 68 किलोग्राम कर लिया। वह हाल ही में फिट इंडिया मूवमेंट के ब्रांड एंबेसडर बने हैं। उन्होंने बताया कि वो 42 साल की उम्र में एक अल्ट्रामैराथन रनर बन गए थे।उन्होंने 12/24/36 घंटे की स्टेडियम दौड़ पूरी की।

डॉक्टर से जानिए क्या वजन कम करने के लिए दौड़ना काफी है?

बेरिएट्रिक सर्जन और ओबेसिटी सर्जरी सोसाइटी की पूर्व सचिव डॉ. जयश्री टोडकर का कहना है कि जब शरीर की मेटाबॉलिज्म प्रणाली हाई लेवल पर होती है तो वजन कम करना आसान हो जाता है। भारत में नब्बे प्रतिशत मामलों में मोटापा कई क्रॉनिक बीमारियों जैसे हाई ब्लड प्रेशर, डायबिटीज, हाई कोलेस्ट्रॉल, फैटी लीवर, हृदय रोग आदि के कारण होता हैं।

एक्सपर्ट ने बताया कि इस प्रकार का मोटापा केवल डाइट और एक्सरसाइज जैसे बाहरी उपायों से कंट्रोल नहीं किया जा सकता। जयश्री ने बताया कि सैमुअल भाग्यशाली था कि उसे मोटापा तो था, लेकिन मेटाबोलिज्म से संबंधित अन्य जटिलताएं नहीं थी, इस कारण सैमुअल ने आसानी से वजन कम कर लिया। दूसरे लोगों को वजन कम करने के लिए डाइट और एक्सरसाइज के अलावा मेडिकल हस्तक्षेप की आवश्यकता हो सकती है।