Hair fall Treatment: हेयर फॉल की परेशानी आज के समय में इतनी आम हो गई है कि न केवल बड़े बल्कि बच्चे भी इससे पीड़ित हैं। कई लोग मौसम में होने वाले बदलाव को बाल टूटने का कारण मानते हैं, हालांकि इसके अलावा भी कई एक्सटर्नल फैक्टर हेयर फॉल के लिए जिम्मेदार होते हैं। विशेषज्ञों के अनुसार अस्वस्थ खानपान, बालों के तरफ पर्याप्त ध्यान न देना या कोई बीमारी की वजह से भी बाल टूटन लगते हैं। हेयर फॉल की परेशानी पर काबू पाने के लिए लोगों को कुछ खास बातों का ध्यान रखना चाहिए। आइए जानते हैं –

क्या हैं हेयर फॉल के मुख्य कारण: उपरोक्त लिखे गए कारणों के अलावा, स्ट्रेस भी बाल टूटने की मुख्य वजह है। ऐसे में योग, ध्यान, व्यायाम, पर्याप्त नींद और संतुलित आहार लेने से तनाव कम करने में मदद मिलेगी जिससे हेयर फॉल में कमी आती है। इसके अलावा, किसी बीमारी से उबरने के बाद, सर्जरी अथवा प्रेग्नेंसी के बाद भी बाल टूटने की परेशानी बढ़ जाती है।

कैसा होना चाहिए डाइट: विशेषज्ञों की मानें तो शरीर में जब कुछ पोषक तत्वों की कमी हो जाती है तो टूटते बालों की समस्या बढ़ जाती है। ऐसे में लोगों को अपने डाइट में पर्याप्त मात्रा में प्रोटीन शामिल करना चाहिए। इसके लिए वो अंडे की सफेदी, दूध व अन्य मिल्क प्रोडक्ट्स, चिकेन, दालें और स्प्राउट्स का सेवन कर सकती हैं। इसके अलावा, जिन लोगों का हेमोग्लोबिन कम होता है उन्हें आयरन सप्लीमेंट्स लेने की सलाह दी जाती है। विटामिन बी12 और डी3 से भरपूर खाद्य पदार्थों को तरजीह दें। अगर बाल गिरने की समस्या अधिक है तो बायोटिन सप्लीमेंट्स भी ले सकते हैं।

इन बीमारियों का हो सकता है संकेत: जिन लोगों में हेयर फॉल ज्यादा देखने को मिलता है, उन्हें अपना हेल्थ चेकअप कराना चाहिए। माना जाता है कि हायपो थायरॉइडिज्म, डायबिटीज मेलिटस, किडनी अथवा लिवर की बीमारियों से पीड़ित लोगों में बाल टूटने की अधिकता देखने को मिलती है। वहीं, किशोरियों को अगर ज्यादा हेयर फॉल या फिर पिंपल्स निकल रहे हों तो उन्हें PCOS जांच की सलाह दी जाती है।

कैसे रखें बालों का ध्यान: हेयर फॉल कम करने के लिए हेयर केयर टिप्स को फॉलो करना बेहद जरूरी है। एक्सपर्ट्स के मुताबिक लोगों को माइल्ड शैम्पू जो कि खुशबू और पैरेबेन रहित हो, उसका इस्तेमाल करना चाहिए। शैम्पू के बाद बालों को कंडीशन करें। बार-बार हेयर स्ट्रेटनर अथवा ड्रायर के उपयोग से बचें।