Geeta Updesh In Hindi: जीवन में हमेशा उतार-चढ़ाव आते रहते हैं। कई बार जीवन में ऐसी कठिन परिस्थितियां आती हैं, जब कोई रास्ता दिखाई नहीं देता है। ऐसे समय में केवल एक ही विचार आता है कि काश कोई हमें रास्ता दिखा दे।
अगर आप भी अपने जीवन में आगे बढ़ना चाहते हैं और यह समझ नहीं पा रहे हैं कि क्या करें, तो आप श्रीमद्भगवद्गीता में भगवान श्रीकृष्ण द्वारा दिए गए उपदेशों को याद कर सकते हैं। गीता के ये उपदेश आपके जीवन को नई दिशा देने में सहायक सिद्ध हो सकते हैं।
गीता उपदेश महाभारत: Geeta Updesh
गीता उपदेश 1- हिम्मत न हारें
किसी भी मनुष्य की परिस्थितियां हमेशा एक जैसी नहीं रहती, परिस्थितियां बदलती हैं, इसलिए मनुष्य को हिम्मत नहीं हारनी चाहिए।
गीता उपदेश 2– कर्म करो, फल की चिंता मत करो
कर्मण्येवाधिकारस्ते मा फलेषु कदाचन- श्रीकृष्ण कहते हैं कि हमें सिर्फ अपने कर्म पर ध्यान देना चाहिए, फल की अपेक्षा नहीं करनी चाहिए।
गीता उपदेश 3
व्यक्ति को खुद से बेहतर कोई नहीं जान सकता, जो व्यक्ति अपने गुणों और कमियों को जान लेता है वह अपने व्यक्तित्व का निर्माण करके हर काम में सफलता प्राप्त कर सकता है।
गीता उपदेश 4
व्यक्ति जो चाहे बन सकता है, यदि वह विश्वास के साथ इच्छित वस्तु पर लगातार चिंतन करे।
गीता उपदेश 5
यदि परिस्थितियां आपके हक में नहीं है, तो विश्वास कीजिए कुछ बेहतर आपकी तलाश में है।
गीता उपदेश 6
जो भी हुआ अच्छा हुआ, जो हो रहा है अच्छा हो रहा है, जो भी होगा अच्छा होगा, भविष्य के बारे में चिंता मत करो। वर्तमान में जियो।
गीता उपदेश 7
निंदा से घबराकर अपने लक्ष्य को न छोड़े क्योंकि, लक्ष्य मिलते ही निंदा करने वालों की राय बदल जाती है।
गीता उपदेश 8
अगर परमात्मा तुम्हें कष्ट के पास ले आया है, तो अवश्य ही वो तुम्हें कष्ट के पार भी ले जाएगा।
गीता उपदेश 9
तनाव से केवल समस्याएं जन्म ले सकती हैं, समाधान खोजने हैं तो मुस्कुराना ही पड़ेगा।
गीता उपदेश 10
जो हो रहा है उसे होने दो तुम्हारे ईश्वर ने तुम्हारी सोच से बेहतर तुम्हारे लिए सोच रखा है।