डायबिटीज मेटाबॉलिक डिजीज (metabolic disease)है जो व्यक्ति के शरीर को धीरे-धीरे सुखा देती है। बॉडी में कमजोरी बढ़ने लगती है है और कई तरह के लक्षण बॉडी में दिखने लगते हैं। ज्यादा भूख और प्यास लगना, वजन कम होना,यूरीन का अधिक डिस्चार्ज होना, आंखों से धुंधला दिखाई देना, घाव का जल्दी नहीं भरना और बेहद थकान रहना ब्लड शुगर(blood sugar)बढ़ने के संकेत हैं।

डायबिटीज के मरीज ब्लड शुगर को कंट्रोल करने के लिए डाइट का ध्यान रखें। डाइट में भी खाने के ऑयल का विशेष ध्यान रखें। खाने का तेल ब्लड शुगर को बढ़ाने के साथ ही वजन को बढ़ाता है साथ ही कई और बीमारियों का कारण भी बनता है। डायबिटीज के मरीजों को दिल के रोगों का खतरा(risk of heart diseases)अधिक रहता है इसलिए शुगर के मरीज कुकिंग ऑयल (cooking oil)का सेवन बेहद सोच विचार कर करें।

डालडा और रथ जैसे वनस्पति घी दिल सेहत के लिए खतरा बढ़ाते हैं। इन तेल का सेवन करने से कोलेस्ट्रॉल बढ़ता और ब्लड शुगर के मरीजों की परेशानी बढ़ने लगती है। अपोलो हॉस्पिटल ग्रेटर नोएडा के डायबिटीज और थॉयराइड स्पेशलिस्ट डॉक्टर बीके राय के मुताबिक डायबिटीज के मरीज कुकिंग ऑयल का सेवन बेहद सोच विचार कर करें ताकि ब्लड शुगर कंट्रोल रहे। आइए जानते हैं कि कौन से तेल ब्लड शुगर को कंट्रोल करते हैं और किन कुकिंग ऑयल से परहेज करना चाहिए।

डायबिटीज के मरीजों के लिए ज़हर हैं ये तेल: (Diabetes patients should avoid these oils)

अमेरिकी डायबिटीज एसोसिएशन के मुताबिक डायबिटीज के मरीज को ट्रांस फैट और सैचुरेटेड फैट की तुलना में मोनोअनसैचुरेटेड और पॉलीअनसेचुरेटेड फैट का सेवन करना चाहिए। डायबिटीज के मरीज ऐसे कुकिंग ऑयल का सेवन करने से परहेज करें जिसमें पूफा (pufa)ज्यादा मौजूद हो। पूफा ऑयल सेहत के लिए खराब ऑयल हैं। सोया ऑयल, कॉर्न ऑयल, सनफ्लावर ऑयल,saflower oil और cotton seed oil का सेवन करने से परहेज करें।

ये तेल गुड कोलेस्ट्रॉल को बॉडी से बाहर निकालते हैं। इन सभी तेलों में पूफा की मात्रा अधिक होती है इसलिए डायबिटीज के मरीजों को इन तेलों को अवॉयड करना चाहिए। रिफाइंड ऑयल का सेवन डायबिटीज के मरीज भूलकर भी नहीं करें।

कौन से तेल का सेवन डायबिटीज के मरीज कर सकते हैं: (diabetic patients Which oils can be consumed)

डायबिटीज के मरीज ब्लड शुगर कंट्रोल करने के लिए और दिल के रोगों से बचाव करने के लिए जैतून का तेल, तिल का तेल, चावल की भूसी का तेल, मूंगफली का तेल और नारियल के तेल का सेवन करें। ये तेल फैट को नैचुरल तरीके से बर्न करते हैं और भूख को कंट्रोल करते हैं। चावली के तेल में मोनोअनसैचुरेटेड फैटी एसिड और एंटीऑक्सिडेंट होते हैं, जो डायबिटीज के मरीजों के लिए बेस्ट है।

तिल का तेल विटामिन ई और अन्य एंटीऑक्सिडेंट गुणों से भरपूर होता है जो दिल से लेकर स्किन और बालों की भी देखभाल करता है। जैतून का तेल इंसुलिन रेसिस्टेंस को बेहतर बनाने में मदद करता है। इसके सूजन-रोधी गुण बॉडी की सूजन को दूर करते हैं। डायबिटीज के मरीज इन तेलों का सेवन कर सकते हैं।