डायबिटीज एक ऐसी क्रॉनिक बीमारी है जिनके मरीजों को जीवन भर इस बीमारी के साथ रहना पड़ता है। डायबिटीज को जड़ से खतम करने का कोई इलाज नहीं है सिर्फ इसे कंट्रोल किया जा सकता है। डायबिटीज को कंट्रोल करने के लिए डाइट का ध्यान रखना, बॉडी को एक्टिव रखना और तनाव से दूर रहना बेहद जरूरी है। कुछ डायबिटीज के मरीजों की ब्लड शुगर हमेशा ज्यादा रहती है जिसके लिए वो दवा का कोई भी डोज स्किप नहीं कर सकते। ऐसे डायबिटीज के मरीज डायबिटीज को कंट्रोल करने के लिए कुछ देसी नुस्खो का सहारा ले सकते हैं।

अमृता अस्पताल फरीदाबाद में मुख्य नैदानिक ​​​​पोषण विशेषज्ञ डॉ.चारू दुआ के मुताबिक दालचीनी एक ऐसा मसाला है जो पेड़ की छाल है जिसका सेवन खाना बनाने में और कई और कई तरह की औषधीयों में किया जाता है। आइए एक्सपर्ट से जानते हैं कि डायबिटीज के मरीज दालचीनी का सेवन क्या चाय के साथ कर सकते हैं। क्या दालचीनी ब्लड शुगर के स्तर को कंट्रोल करती है।

दालचीनी क्या है एक्सपर्ट से जानते हैं?

डॉक्टर चारू दुआ के मुताबिक दालचीनी का इस्तेमाल करने से पहले उसके बारे में जानना बेहद जरूरी है। दालचीनी(Cinnamomum) एक छोटा सदाबहार पेड़ है,जिसकी ऊचाई 10–15 मी ऊंची होती है। जीनस सिनामोमम पेड़ की प्रजाति की आंतरिक छाल से प्राप्त होता है और इसका उपयोग खाना पकाने में किया जाता है। आयुर्वेद में दालचीनी का अर्क गठिया, दस्त, मासिक धर्म की अनियमितता और सूजन संबंधी बीमारियों का इलाज करने में किया जाता है।

इस मसाले के सेहत को बेहद फायदे हैं इसलिए लोग इसका उपयोग कई बीमारियों का उपचार करने में करते हैं। यह माना जाता है कि इसके कई स्वास्थ्य लाभ हैं। इसका सेवन करने से सीरम लिपिड और रक्त शर्करा को कम करने में अहम योगदान मिलता है। दालचीनी का बायोएक्टिव यौगिक रक्त शर्करा के स्तर को कंट्रोल करने में बेहद मददगार है।

दालचीनी कैसे ब्लड शुगर कंट्रोल करती है:

एक्सपर्ट के मुताबिक दालचीनी के सिनामाल्डिहाइड के इंसुलिन ट्रॉपिक प्रभावों की जांच की गई है। यह इंसुलिन रिलीज को बढ़ावा देने, इंसुलिन संवेदनशीलता बढ़ाने,इंसुलिन को बढ़ाने और प्रोटीन-टायरोसिन फॉस्फेट 1बी (पीटीपी1बी) और इंसुलिन रिसेप्टर किनेज (kinase) की गतिविधि को बढ़ाने के लिए जिम्मेदार माना जाता है।

रिसर्च से जानिए कैसे दालचीनी ब्लड शुगर कंट्रोल करती है:

2012 के एक अध्ययन में चीन में टाइप 2 मधुमेह के 69 रोगियों का विश्लेषण किया गया। एक समूह ने रोजाना 120 मिलीग्राम दालचीनी, दूसरे ने 360 मिलीग्राम और तीसरे ने प्लेसिबो लिया। तीन महीनों के बाद, प्लेसिबो समूह ने कोई बदलाव नहीं देखा, जबकि दालचीनी लेने वाले दो समूहों ने A1C के स्तर को कम कर दिया था। 2013 में 10 अध्ययनों के एक मेटा-विश्लेषण में पाया गया कि दालचीनी के सेवन से ग्लूकोज, कुल कोलेस्ट्रॉल, एलडीएल और ट्राइग्लिसराइड्स के स्तर में महत्वपूर्ण कमी आई। इसने उच्च घनत्व वाले लिपोप्रोटीन (HDL) कोलेस्ट्रॉल भी बढ़ाया।

लेकिन शोधकर्ताओं ने नोट किया कि प्रत्येक अध्ययन में जिस तरह की दालचीनी ली गई, वह अलग थी। 2019 के एक अध्ययन में बताया गया है कि 3 से 6 ग्राम दालचीनी का सेवन ब्लड शुगर के स्तर पर सकारात्मक रूप से प्रभाव डालता है।

इन बातों का भी रखें ध्यान:

एक्सपर्ट के मुताबिक विभिन्न अध्ययनों के अलग-अलग परिणाम सामने आने के साथ यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि अकेले कोई भी पोषक तत्व मधुमेह का इलाज नहीं कर सकता है। आप डायबिटीज को कंट्रोल करने के लिए हेल्दी डाइट ले,नियमित व्यायाम, ब्लड शुगर की निगरानी, ​​मधुमेह की दवा या इंसुलिन थेरेपी की आवश्यकता होती है तो वो भी लें।