बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) सुप्रीमो मायावती ने अगले साल होने जा रहे विधानसभा चुनाव के लिए प्रचार शुरू कर दिया है। मायावती ने साफ कर दिया है कि इस बार उनकी पार्टी परफॉर्मेंस के आधार पर ही टिकट देगी। मायावती साल 1995 में पहली बार उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री बनी थीं। बसपा प्रमुख अपने बेबाक बयानों के चलते अक्सर चर्चा में रहती हैं। पत्रकार रहे राजीव शुक्ला ने मायावती से विरोधियों के आरोप पर एक सवाल पूछा था।
मायावती से राजीव शुक्ला ने पूछा था, ‘विरोधी आपको तानाशाह तक कहते हैं। उनका कहना है कि आप किसी से नाराज़ हो जाएं तो उसे छोड़ती नहीं हैं। इसके पीछे की वजह है कि आप पार्टी को अपनी जेब में रखना चाहती हैं। आपका एक तानाशाह का रवैया है।’ बीएसपी सुप्रीमो इस सवाल का जवाब देती हैं, ‘आप यही चाहते हैं कि दलित समाज में गीदड़ ही पैदा हों? मायावती बहुत स्पष्ट रहती है। इधर-उधर की बात है तो मायावती सीधा कह देती है जो भी उसके दिल में बात होता है।’
मायावती आगे कहती हैं, ‘प्रेस हमारी छवि खराब करने की कोशिश करती है, जिसकी वजह से हमारी गलत तस्वीरें भी छाप दी जाती हैं। हमारे मंत्री मुझे काबिलियत के हिसाब से मुझे अपना नेता मानकर चलते हैं। अगर कोई नेता या मंत्री मेरे सामने जमीन पर बैठता है तो वो भाई की हैसियत नीचे बैठता है।’
मायावती ने साल 2000 में एक इंटरव्यू में बताया था, ‘मैं अक्सर पार्टी के कार्यकर्ताओं और नेताओं से मिलने के लिए जाती थी। ऐसे में मुझे अपने बाल ठीक करने में बहुत समय लगता था। इसलिए मैंने अपने बाल कटवाने का निर्णय कर लिया था। इससे मेरा समय बहुत ज्यादा बचने लगा था। क्योंकि अगर ज्यादा समय इन्हीं चीजों में जाएगा तो पार्टी चलाना काफी मुश्किल हो जाएगा।’
बता दें, मायावती ने साल 1989 में पहला चुनाव जीता था। इसके बाद उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। 1993 में समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी ने मिलकर सरकार बनाई थी और मुलायम सिंह यादव मुख्यमंत्री बने थे। मायावती 1994 में राज्यसभा पहुंची थीं। 1995 में बीजेपी के समर्थन से मायावती यूपी की मुख्यमंत्री बनी थीं। हालांकि ये सरकार लंबे समय तक नहीं चल सकी और मायावती को पद छोड़ना पड़ा था।