आज के समय में अनियमित जीवन-शैली, खराब खानपान और फिजिकल एक्टिविटी की कमी के कारण लोग डायबिटीज यानी मधुमेह की बीमारी की चपेट में आ जाते हैं। डायबिटीज की बीमारी में ब्लड शुगर लेवल अनियंत्रित रूप से घटता-बढ़ता रहता है, जिसके कारण हार्ट अटैक, ब्रेन स्ट्रोक और मल्टीपल ऑर्गन फेलियर जैसी जानलेवा स्थिति पैदा हो सकती है। ऐसे में ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित रखना बेहद ही जरूरी हो जाता है। हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक डायबिटीज के मरीजों को हर हफ्ते अपना शुगर लेवल यानी रक्त शर्करा के स्तर को जांचना चाहिए।

लक्षण: जाने मानें कंस्लटेंट फिजिशियन डॉक्टर अमरेंद्र झा के मुताबिक डायबिटीज की बीमारी में शुरुआती कुछ महीनों में एक-दम से अधिक वजन बढ़ता है, लेकिन कुछ महीनों में वजन घट भी जाता है और व्यक्ति बेहद पतला हो जाता है, उन्हें बार-बार पेशाब लगता है, कुछ लोगों को भूख और प्याज बहुत लगती है, ज्यादातर ऐसे लोग 40-45 साल के होते हैं।

ब्लड शुगर लेवल की जांच: एक्सपर्ट्स के मुताबिक यदि आप डायबिटीज की बीमारी से ग्रसित हैं तो समय-समय पर अपना ब्लड शुगर लेवल जांचना जरूरी होता है। पहले फास्टिंग के दौरान, फिर खाना खाने के बाद और कभी-कभी रेनडम ब्लड शुगर लेवल टेस्ट कराना चाहिए। इसके अलवा आप HbA1C टेस्ट भी करा सकते हैं। यह टेस्ट बताता है कि पिछले तीन महीने में आपके शुगर की स्थिति कैसी रही। यह काफी मददगार साबित होता है।

ब्लड शुगर लेवल का स्तर: उम्र के हिसाब से ब्लड शुगर लेवल अलग-अलग होता है। फास्टिंग के दौरान (यानि पिछले 8 घंटे से कुछ न खाया हो) तो शुगर का स्तर 70-100 mg/dl के बीच होता है। वहीं एक स्वस्थ व्यक्ति का भोजन करने के बाद शुगर लेवल 90-180 mg/dl हो जाता है। एक वयस्क व्यक्ति जो मधुमेह की बीमारी से ग्रसित है और इंसुलिन की दवाइयां लेता है, उसका शुगर लेवल खाना खाने के बाद 180 mg/dl होना चाहिए। वहीं, जो व्यक्ति डायबिटीज से पीड़ित है और इंसुलिन नहीं लेता, उसका शुगर लेवल 140 mg/dl के बीच होना चाहिए।

क्या-क्या करें परहेज: जो चीजें बॉडी में शुगर के स्तर को बढ़ाती हैं, उनके सेवन से बचना चाहिए। डायबिटीज के मरीजों को मीठी चीजें, फ्रूट जूस, मैदा, तली-भुनी चीजें, फास्ट फूड, फ्लेवर्ड कॉफी और आलू आदि के सेवन से बचना चाहिए।