रेप का दोषी आसाराम कभी चायवाला बनकर अवैध शराब की तस्करी करता था। अपनी गिरफ्तारी के वक्त उसने पुलिस अधिकारियों को धमकी भी दी थी। उसकी तमाम कारगुजारियों को आईपीएस अधिकारी अजयपाल लांबा ने अपनी नई किताब में समेटा है इस किताब का नाम है- Gunning for the Godman: The True Story Behind Asaram Bapu’s Conviction। आपको बता दें कि आईपीएस अजयपाल साल 2013 में आसाराम को गिरफ्तार करने वाली पुलिस टीम के मुखिया थे। उन्होंने अपने अनुभवों को किताब की शक्ल दी है, जिसमें आसाराम के तमाम कारनामों से पर्दा हटाया है।
खुद को आध्यात्मिक गुरु कहने वाले आसाराम का नाम आसुमल सीरुमलानी था। जब उसकी प्रसिद्धि बढ़ी तो उसने अपना नाम बदलकर आसाराम बापू रख लिया। बकौल आईपीएस अजयपाल अपने शुरुआती दौर में आसाराम चायवाला बनकर अवैध शराब की तस्करी करता था। किताब में इस बात का भी जिक्र है कि पुलिस को छानबीन मेंं कथित तौर पर पता चला था कि आसाराम एक तरह का सेक्स एडिक्ट था और हर रात नई लड़कियों की डिमांड करता था।
गिरफ्तारी के बाद आते थे धमकी भरे फोन: आईपीएस अजयपाल ने अपनी किताब में इस बात का जिक्र किया है कि किस तरीके से आसाराम की गिरफ्तारी के बाद उनके पास धमकी भरे फोन आते थे। आसाराम के समर्थक उन्हें फोन पर धमकाते थे। इन धमकियों से उनकी पत्नी तो इतना डर गई थीं कि बेटी को स्कूल भेजना बंद कर दिया था।
इस वक्त जयपुर के एडिशनल कमिश्नर के रूप में कार्यरत अजयपाल के मुताबिक आसाराम के समर्थकों को जब से यह पता चला है कि वे एक किताब लिख रहे हैं तबसे उनके पास धमकी भरे फोन आने का सिलसिला फिर शुरू हो गया है।
गिरफ्तारी की कहानी भी कम दिलचस्प नहीं: आसाराम पर प्रकाशित होने वाली नई किताब के लेखक अजयपाल लांबा और सह लेखक अरविंद माथुर हैं। किताब में इस बात का विस्तार से जिक्र है कि आसाराम को गिरफ्तार करने के लिए पुलिस को किस तरह की मशक्कत करनी पड़ी थी। क्योंकि हजारों समर्थकों वाले आसाराम को गिरफ्तार करना इतना आसान नहीं था।
बकौल अजयपाल लांबा उन्होंने आसाराम की गिरफ्तारी के लिए सबसे धाकड़ 20 पुलिस अधिकारियों को चुना था। इनमें से कई अधिकारी आसाराम के समर्थकों में मिल गए और इनपुट देने लगे। पुलिस टीम जब आसाराम को गिरफ्तार करने पहुंची थी तो उसने रौब झाड़ा था और कहा था कि तुम हमें गिरफ्तार नहीं कर सकते। अभी ऊपर से फोन आ जाएगा।