उत्तर प्रदेश में होने जा रहे विधानसभा चुनाव में AIMIM भी अपने उम्मीदवार उतारेगी। असदुद्दीन ओवैसी लगातार बीजेपी और समाजवादी पार्टी पर निशाना साध रहे हैं। हाल ही में कृषि कानून वापस होने के बाद ओवैसी ने CAA-NRC का मुद्दा उठाया है। यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने असदुद्दीन ओवैसी को समाजवादी पार्टी का एजेंट कहा था। साथ ही उन्होंने AIMIM चीफ पर माहौल बिगाड़ने का भी आरोप लगाया था। आरोप-प्रत्यारोप के बीच असदुद्दीन ओवैसी का एक पुराना इंटरव्यू वायरल हो रहा है।
‘न्यूज़18’ के इस कार्यक्रम में ओवैसी के साथ बीजेपी नेता सुब्रह्मण्यम स्वामी भी शामिल हुए थे। यहां उनसे अयोध्या और मथुरा के मुद्दे के लकर सवाल किया गया था। एक युवक ने सवाल पूछा था, ‘अगर मथुरा में मंदिर और मस्जिद एक साथ हो सकते हैं तो अयोध्या में क्यों नहीं हो सकते?’ इससे पहले कि इस सवाल का जवाब असदुद्दीन ओवैसी देते उससे पहले सुब्रह्मण्यम स्वामी कहते हैं, ‘मैं साफ कर देना चाहता हूं कि भविष्य में हम मथुरा को भी इससे मुक्त करेंगे।’
असदुद्दीन ओवैसी जवाब देते हैं, ‘अगर आप अयोध्या का केस जीत भी गए, लेकिन वहां जो ढांचे को गिराया गया उस पर तो कोई एक्शन ही नहीं लिया गया। इंसाफ क्या ऐसा हो सकता है? ये करने वालों के खिलाफ भी तो एक्शन लिया जाना चाहिए?’ इसके जवाब में सुब्रह्मण्यम स्वामी कहते हैं, ‘पहली बात तो ये है कि हम लोग कोर्ट में हैं। वहां पर, दोनों का पक्ष सुना जाता है और उसी के बाद फैसला आता है। हम तो चाहते हैं कि आप लोग अपनी बात वहां पर रखें, नहीं तो हम संसद के रास्ते से भी इसे पूरा कर सकते थे। शाहबानो केस में भी ऐसा ही हुआ था जब सुप्रीम कोर्ट का फैसला ही बदल दिया गया था।’
योगी आदित्यनाथ ने मुस्लिम टोपी नहीं पहनी थी? असदुद्दीन ओवैसी से जब इसको लेकर सवाल किया गया था तो उन्होंने कहा था, ‘मैं अगर वहां मौजूद होता तो उन्हें कभी वो टोपी पहनने के लिए नहीं देता। इतने सालों से वो लोग मुसलमानों को टोपी पहना ही रहे हैं। मैं वहां होता तो उनसे कहता कि आप मुस्लिमों के खिलाफ हो रहे अन्याय को रोक दीजिए। जिन लोगों को न्याय नहीं मिल रहा उन्हें न्याय दिलवा दीजिए। टोपी पहनने से कुछ भी साबित नहीं हो सकता है। एक मुख्यमंत्री का काम है कि उसे राज्य की जनता सुरक्षित रहे।’