हमारी डाइट और लाइफस्टाइल इतना ज़्यादा ख़राब हो रहा है कि हम खाने के नाम पर सिर्फ़ पेट भरते है वो भी ऐसे खाने से जिसमें सिर्फ़ वसा होती है और पौषक तत्वों का नाम तक नहीं होता। ऐसी डाइट सिर्फ़ बॉडी फैट बढ़ाती है और हमारे डाइजेस्टिव सिस्टम को बिगाड़ती है। खराब डाइट का ही नतीजा है कि हम कम उम्र में तरह-तरह की बीमारियों का शिकार हो रहे हैं।
इर्रिटेबल बाउल सिंड्रोम एक ऐसी परेशानी है जिसके लिए खराब डाइट और बिगड़ता लाइफ़स्टाइल ज़िम्मेदार है। इस बीमारी से पीड़ित लोग अक्सर पेट दर्द,लूज़ मोशन और आंत से जुड़ी परेशानी से जूझते रहते हैं। यदि आप इर्रिटेबल बाउल सिंड्रोम (IBS)से परेशान हैं और इसे कंट्रोल करना चाहते हैं तो डाइट में फ़ाइबर से भरपूर फूड्स को शामिल करें। फाइबर से भरपूर फूड्स आंत के बैक्टीरिया को बढ़ावा देते हैं और आंत को हेल्दी रखते हैं। एक नए अध्ययन के अनुसार डाइट में फ़ाइबर की कमी होने से दस्त, आंत में सूजन,ऐंठन या कब्ज जैसे लक्षण बिगड़ सकते हैं।
सीके बिड़ला हॉस्पिटल, गुरुग्राम में गैस्ट्रोएंटरोलॉजी के लीड कंसल्टेंट डॉ अनुकल्प प्रकाश बताते हैं कि फाइबर से भरपूर डाइट पाचन तंत्र की नेचुरल तरीक़े से सफ़ाई करती है। फाइबर को पाचन तंत्र को दुरुस्त करने की झाड़ू माना जाता है जो पाचन को साफ़ करता है। अब सवाल ये उठता है कि इर्रिटेबल बाउल सिंड्रोम किन लोगों को होता है और फाइबर कैसे इसका उपचार करता है।
इर्रिटेबल बाउल सिंड्रोम किन लोगों को होता है?
आईबीएस उन लोगों को होता है जिनमें इंटरल्यूकिन-10 का स्तर खराब होता है। इंटरल्यूकिन 10 एक एंटी-इंफ्लेमेटरी साइटोकिन है जो सूजन और ऑटोइम्यून पैथोलॉजी को रोकने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। ये रोगजनकों के प्रति इम्युनिटी को सीमित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, जिससे ऊतकों को होने वाले नुकसान को रोका जा सकता है।
इर्रिटेबल बाउल सिंड्रोम से पीड़ित लोग पर्याप्त फाइबर का सेवन करके आंत की सूजन को दूर कर सकते हैं। फाइबर युक्त डाइट IBS वाले व्यक्तियों के लिए बेहद उपयोगी हो सकती है। वर्तमान अध्ययन से पता चलता है कि चूहों में इंटरल्यूकिन-10 की कमी के कारण, फाइबर की कमी से कोलोनिक म्यूकस लाइनिंग खराब हो गई, जिससे घातक कोलाइटिस हो गया।
फाइबर आंत के स्वास्थ्य के लिए क्यों महत्वपूर्ण है?
आंतों की सेहत को दुरुस्त करने के लिए फाइबर से भरपूर फूड्स को हेल्दी माना जाता है। ये फूड आंत की अंदर से सफाई करते हैं। इन फूड्स का सेवन करने से स्टूल लूज होता और मल डिस्चार्ज करना आसान होता है। अघुलनशील फाइबर से भरपूर खाद्य पदार्थ जैसे साबुत अनाज, मेवे और सब्जियां, पाचन तंत्र को दुरुस्त करते हैं और कब्ज को तोड़ते हैं। अघुलनशील फाइबर पानी में नहीं घुलता।
ये फाइबर एक प्रीबायोटिक के रूप में काम करता है, जो पेट के भोजन में अच्छे बैक्टीरिया को बढ़ने देता है। इन सूक्ष्म जीवों को आंत माइक्रोबायोटा के रूप में जाना जाता है। ये फूड पाचन में सहायता करते हैं और महत्वपूर्ण पोषक तत्वों के संश्लेषण के लिए भी महत्वपूर्ण हैं। फाइबर का सेवन गुड बैक्टीरिया को बढ़ाने में असरदार होता है। गुड बैक्टीरिया इम्युनिटी को स्ट्रॉन्ग करते हैं और पाचन में मदद करते हैं।