देश भर में कोरोना वायरस से बेकाबू होते हालात, ऑक्सीजन व रेमेडेसिविर जैसी दवाओं की किल्लत और कोविड टेस्ट के लिए मारामारी जैसे हालात के बीच लोग सोशल मीडिया पर अपना गुस्सा जाहिर कर रहे हैं और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इस्तीफे की मांग कर रहे हैं। साथ ही स्वास्थ्य मंत्री पर भी सवाल खड़े करते दिख रहे हैं।

ट्विटर पर #ResignModi और #ModiResignOrRepeal हैशटैग के साथ लोग सरकार की नीतियों पर सवाल करते दिखे और लिखा कि अगर सरकार स्टैच्यू और स्टेडियम की जगह अस्पताल में निवेश करती तो शायद ऐसा दिन नहीं देखना पड़ता। ट्विटर पर मान नाम के यूजर ने लिखा कि ‘हमारे प्रधानमंत्री को सिर्फ और सिर्फ किसी भी तरीके से चुनाव जीतने की चिंता है, लोगों की नहीं।’

नवनीत नाम के यूजर ने लिखा, ‘अपने आप से ईमानदारी से पूछिये कि क्या मोदी वही नेता हैं जिसे आप चाहते हैं और जिसे चुना है?’ विशाल नाम के यूजर ने दिल्ली में लॉकडाउन की घोषणा के बाद आनंद विहार बस अड्डे पर भीड़ की तस्वीर शेयर करते हुए लिखा, ‘प्रवासी अब अपने घरों को लौट रहे हैं…उनके सामने फिर अंधेरी रात है…।’ नवनीत नाम के शख्स ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रैली की तस्वीर शेयर करते हुए लिखा, ‘आप अपने लालच के लिए और कितनी जान कुर्बान करेंगे मोदी जी?’

 

नवनीत कौर सिरोही नाम की यूजर ने स्टैचू ऑफ यूनिटी की तस्वीर शेयर करते हुए लिखा कि एक स्टेचू की कॉस्ट में 7,00,00 वेंटीलेटर तैयार हो जाते। मोदी प्रधानमंत्री के तौर पर फेल रहे हैं।’ अमन नाम के यूजर ने लिखा, ‘सरकार की प्राथमिकता मंदिर है। भगवान राम भी यह देख कर रो पड़ते कि उनके नाम पर क्या-क्या हो रहा है।’

 

विपक्षी दलों ने भी साधा निशाना: उधर, विपक्षी नेताओं ने भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा है। आरजेडी नेता तेज प्रताप यादव ने पीएम की तुलना रोमन शासक ‘नीरो’ से करते हुए लिखा कि जब रोम जल रहा था तब नीरो बांसुरी बजा रहा था।

कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने लिखा कि लोग जो परेशानी झेल रहे हैं, उसके लिए मोदी सरकार जिम्मेदार है। भाकपा माले के नेता दीपांकर भट्टाचार्य ने भी प्रधानमंत्री पर तंज कसते हुए कहा कि पीएम चुनावी रैलियों को संबोधित करने में व्यस्त हैं।