एक वक्त था जब अमर सिंह (Amar Singh) समाजवादी पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह यादव के दाहिने हाथ हुआ करते थे। पार्टी से लेकर यादव परिवार तक के तमाम फैसलों में दिवंगत अमर सिंह की महत्वपूर्ण भूमिका होती थी। ‘नेताजी’ ने तमाम अहम जिम्मेदारियां अमर सिंह को सौंप रखी थी। यहां तक कि अखिलेश के एडमिशन से लेकर शादी तक के तमाम इंतजामात भी अमर सिंह ने ही किए थे।
मैसूर से ग्रेजुएशन की पढ़ाई करने के बाद अखिलेश यादव जब एनवायरमेंटल इंजीनियरिंग में मास्टर्स के लिए ऑस्ट्रेलिया के सिडनी गए, तब अमर सिंह अक्सर अखिलेश से मिलने वहां जाया करते थे। उन्हें डिनर पर ले जाते और तमाम जरूरतों का ख्याल रखते थे। अखिलेश अमर सिंह को ‘अमर अंकल’ कहकर संबोधित किया करते थे।
…शादी भी करवाएंगे: सिडनी से पढ़ाई के बाद जब अखिलेश वापस लौटे तो उन्होंने शादी की इच्छा जाहिर की। अखिलेश यादव की जीवनी ‘विंड्स ऑफ चेंज’ में वरिष्ठ पत्रकार सुनीता एरॉन लिखती हैं कि तब अमर सिंह ने अखिलेश से कहा था कि ‘तुम्हारी पढ़ाई करवाई है, चलो शादी भी करवा देते हैं…’।
बाद में अमर सिंह ही सगाई के लिए अखिलेश को लेकर लखनऊ कैंट में डिंपल के पिता के घर गए थे। साथ ही सैफई में शादी और लखनऊ व दिल्ली में रिसेप्शन का सारा इंतजामात भी उन्होंने ही किया।
पहले दी थी करियर पर ध्यान देने की सलाह: हालांकि शुरुआत में जब अखिलेश ने शादी की इच्छा जताई थी तब अमर सिंह ने उन्हें करियर पर फोकस करने का सुझाव दिया था। लेकिन अखिलेश ने दो टूक कह दिया था कि वह पहले डिंपल से शादी करेंगे और दूसरी चीजों पर बाद में ध्यान देंगे। ऐसे में अमर सिंह ने अखिलेश और डिंपल की शादी के लिए मुलायम को मनाने में भी अहम भूमिका निभाई थी।
गज़ल सुन हो गए थे भावुक: आपको बता दें कि अखिलेश यादव की सिनेमा, कला और साहित्य में भी दिलचस्पी है। खासकर ग़ज़ल उन्हें खूब पसंद है। ऐसा ही एक वाकया तब हुआ था जब वो सिडनी में पढ़ रहे थे। सुनीता एरॉन अखिलेश की जीवनी में उनके एक दोस्त के हवाले से लिखती हैं कि एक बार वह अपने दोस्तों के साथ कैनबरा घूमने जा रहे थे।
तब अखिलेश ने दोस्तों से गुलाम अली की चर्चित ग़ज़ल ‘तेरे शहर में आए हैं मुसाफिर की तरह…’ बजाने को कहा। इस ग़ज़ल को सुनते-सुनते अखिलेश भावुक हो गए और लगातार कई बार यह गजल सुनी।