वरिष्ठ पत्रकार राजदीप सरदेसाई का एक पुराना इंटरव्यू वायरल हो रहा है। इसमें राजदीप से उनके पत्रकारिता के अनुभव और नरेंद्र मोदी से दूरियों को लेकर कई सवाल पूछे गए थे। टीवी चैनल ‘न्यूज़24’ के कार्यक्रम ‘मंथन’ में संदीप चौधरी पूछते हैं, ‘आप बहुत विरोध भी झेलते हैं। अब तो वैसे भी मीडिया दो फाड़ हो गया है। आज की तारीख में पूछा जाता है कि आप प्रो बीजेपी हैं या एंटी बीजेपी हैं? लगता है कि मीडिया अब सिर्फ एक खंभा ही रह गया है, जिसे चौथा खंभा भी कहा जाता है।’

राजदीप सरदेसाई जवाब देते हैं, ‘संदीप, आपकी बात ठीक है कि आजकल ये पूछा जाता है कि आपकी विचारधारा क्या है? इसके पीछे का कारण है कि हम लोगों ने खुद को बंटने दिया है। हम उसी तरह से विभाजित हो गए हैं जैसा समाज विभाजित हो गया है। आज मैं मोदी जी पर सवाल उठाऊं तो आप कहेंगे एंटी मोदी, अगर प्रशंसा करूं तो आप कहेंगे कि आप बिक चुके हैं। मुझे लगता है कि न कोई बिकता है आसानी से और न ही केवल विरोधी बन सकता है। हमें बीच का रास्ता देखना चाहिए। पत्रकार का काम है कि वो सच्चाई दिखाए।’

बाल ठाकरे का लिया था इंटरव्यू: राजदीप बताते हैं, ‘मुझे पत्रकारिता करते हुए 30 साल से भी ज्यादा हो चुके हैं। मैंने बाल ठाकरे की खूब आलोचना की थी जब शिवसैनिकों ने पिच खोद दी थी। बाल ठाकरे जी ने अगले दिन मुझे इंटरव्यू दिया था। भले ही उन्होंने कुछ कड़वी बातें उस इंटरव्यू में बोलीं, लेकिन कम से कम उन्होंने बात तो की। आज हमें ऐसा देखने को बिल्कुल नहीं मिलता है। यही वजह है कि आज कल लोग बंट गए हैं, पत्रकार बंट गए हैं। सोशल मीडिया पर तो हर कोई आदमी पत्रकार बन चुका है।’

पहले सोनिया गांधी का इंटरव्यू मिल जाता था: संदीप चौधरी अगला सवाल करते हैं, ‘पिछली सरकार में आपको सोनिया गांधी और मनमोहन सिंह का इंटरव्यू तो मिल जाया करता था, लेकिन अब ऐसा नहीं हो पा रहा है। नरेंद्र मोदी ने भी आपको इंटरव्यू नहीं दिया।’ राजदीप कहते हैं, ‘मैंने सोनिया गांधी, मनमोहन सिंह का इंटरव्यू जरूर 2004 से 2014 के बीच में लिया था, लेकिन अब ऐसा नहीं है। उस समय नरेंद्र मोदी का इंटरव्यू भी मैंने कई बार किया, लेकिन अब वो प्रधानमंत्री बन गए हैं और मैं उनके लिए तो सिर्फ एक पत्रकार ही हूं।’

इससे पहले राजदीप सरदेसाई ने एक इंटरव्यू में सोनिया गांधी को लेकर अटल बिहारी वाजपेयी से सवाल पूछा था जिसके जवाब में पूर्व पीएम ने कहा था, ‘सोनिया गांधी के विदेशी होने का मुद्दा तो बन गया है। नरेंद्र मोदी हों या कोई अन्य पार्टी नेता हो इसे हल करने की जगह सिर्फ तूल देना बिल्कुल ठीक नहीं है। मेरे मना करने के बाद भी लगातार इसे उठाया जा रहा है।’