वेट लॉस करने के लिए आज के समय में अधिकतर लोग डिनर को स्किप करने लगे हैं। लेकिन क्या ऐसा करना सही है? क्या वाकई ये तरीका मोटापे को कम करने में असर दिखा सकता है या ऐसा करना सेहत के लिए नुकसानदायक भी हो सकता है? आइए जानते हैं इस बारे में विस्तार से-
क्या कहते हैं एक्सपर्ट्स?
हेल्थ एक्सपर्ट्स खुद को फिट रखने या मोटापे को कम करने के लिए खाना छोड़ना नहीं, बल्कि सही तरीके से हेल्दी खाना खाने की सलाह देते हैं। आसान भाषा में समझें तो अगर आप खुद को फिट बनाना चाहते हैं और इसके लिए शरीर की एक्ट्रा चर्बी को कम करने में जुटे हैं, तो कैलोरी का सेवन कम करें। एक्सपर्ट्स के मुताबिक, किसी भी समय भोजन स्किप करने से व्यक्ति का मेटाबॉलिज्म बाधित हो सकता है, भूख और क्रेविंग बढ़ सकती है, साथ ही पोषक तत्वों की कमी हो सकती है। इसके अलावा जब आप रात का भोजन नहीं करते हैं, तो इससे आपकी नींद की गुणवत्ता और ऊर्जा के स्तर पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ने लगता है। ऐसे में भोजन छोड़ने की बजाय, पोर्शन कंट्रोल और पूरे दिन संतुलित भोजन करने पर ध्यान दें।
क्यों सही नहीं है डिनर स्किप करने का तरीका?
मेटाबॉलिज्म होता है स्लो
एक्सपर्ट्स के मुताबिक, रात का खाना छोड़ने से शरीर का चयापचय बाधित हो सकता है, जिससे आपकी बॉडी अधिक मात्रा में कैलोरी बर्न नहीं पा पाती है और फिर ये शरीर में फैट के रूप में जमने लगती है। इससे अलग डिनर न करने पर एनर्जी और पोषक तत्वों के उपयोग में भी अनियमितताएं हो सकती हैं।
बढ़ जाती है फूड क्रेविंग
एक्सपर्ट्स बताते हैं, डिनर न करने पर शाम के समय भूख और क्रेविंग का एहसास बढ़ सकता है, जिससे व्यक्ति ओवरईटिंग करने लगता है। ऐसे में वजन घटने की बजाय उल्टा बढ़ने लगता है।
पोषक तत्वों की कमी
रात के समय भोजन न करने पर फास्टिंग का समय बढ़ जाता है। यानी आपका पेट लंबे समय तक खाली रहता है। इस स्थिति में शरीर में पोषक तत्वों की कमी हो सकती है, साथ ही आप खुद को अधिक कमजोर महसूस कर सकते हैं। हर समय थकान का एहसास आपको परेशान कर सकता है।
ब्लड शुगर लेवल पर होता है असर
पूरे दिन संतुलित भोजन करने से रक्त शर्करा यानी ब्लड शुगर के स्तर को नियंत्रित करने और स्पाइक्स या शुगर क्रैश को रोकने में मदद मिलती है। वहीं, जब आप डिनर स्किप करने लगते हैं, तो इससे क्रेविंग का एहसास बढ़ जाता है, एनर्जी लेवल में उतार-चढ़ाव हो सकता है, जिससे रक्त शर्करा का स्तर भी अनियमित हो जाता है। वहीं, लंबे समय तक बल्ड शुगर लेवल में ये उतार-चढ़ाव डायबिटीज जैसे गंभीर मेटाबॉलिक रोग का कारण भी बन सकता है।
नींद पैटर्न पर पड़ता है खराब असर
रात का खाना खाने से शरीर को रात भर के उपवास की अवधि को बनाए रखने और आरामदेह नींद का समर्थन करने के लिए ईंधन मिलता है। हालांकि, जब आप डिनर करना बंद कर देते हैं, तो इससे नींद के पैटर्न में बाधा आ सकती है और सोने में कठिनाई हो सकती है, रात में बार-बार जागना या कुल मिलाकर खराब गुणवत्ता वाली नींद का अनुभव हो सकता है। वहीं, लगातार नींद की ये गड़बड़ी भी वजन बढ़ाने का कारण बन सकती है।
मसल लॉस
जब शरीर लंबे समय तक भोजन से वंचित रहता है, तो यह ऊर्जा के लिए मांसपेशियों के ऊतकों की ओर रुख कर सकता है, खासकर अगर प्रोटीन का सेवन अपर्याप्त है। रात का खाना छोड़ने से समय के साथ मांसपेशियों की हानि हो सकती है, जो मेटाबॉलिज्म, एनर्जी और समग्र शारीरिक स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है।
मूड और एनर्जी के स्तर पर नकारात्मक प्रभाव
इन सब से अलग भूखे पेट सोने से मूड और ऊर्जा के स्तर पर असर पड़ सकता है, जिससे फिर अगले दिन आपको ध्यान केंद्रित करने या किसी भी दैनिक कार्य को करने में कठिनाई होने लगती है। भूख और अभाव की लगातार भावनाओं से चिड़चिड़ापन, मूड स्विंग और तनाव का स्तर बढ़ सकता है, जो वजन घटाने के प्रयासों को नुकसान पहुंचा सकता है।
क्या है सही तरीका?
अगर आप वेट लॉस करना चाहते हैं, तो डिनर स्किप न करें, इससे अलग रात के समय खिचड़ी, दाल, दलिया, लौकी की सब्जी आदि का सेवन कर सकते हैं। इससे अलग रात का खाना खाने के बाद कुल 10 मिनट तक वॉक कर अपने वजन को संतुलित बनाए रख सकते हैं।