केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने शनिवार को बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी की उस याचिका का विरोध किया, जिसमें उन्होंने राउज एवेन्यू कोर्ट के जज विशाल गोगने से अपने और अपने परिवार के सदस्यों के खिलाफ आपराधिक मामलों को किसी अन्य न्यायाधीश को ट्रांसफर करने की मांग की थी। राऊज एवेन्यू कोर्ट में सीबीआई ने कहा कि राबड़ी देवी जज को नीचा दिखाना चाहती हैं। मुख्य जिला एवं सत्र न्यायाधीश दिनेश भट्ट ने आगे की दलीलें सुनने के लिए 15 दिसंबर को सुनवाई करने का आदेश दिया।

सीबीआई की तरफ से विशेष लोक अभियोजक डीपी सिंह अदालत में पेश हुए। उन्होंने कहा कि राबड़ी देवी ने न्यायपालिका पर आरोप लगाए हैं। साथ ही उन्होंने कहा कि जज विशाल गोगने अपने तरीके से मामले देख रहे हैं और अदालत की नियमों और पहले के जजों द्वारा बनाए गए नियमों का पालन कर रहे हैं।

सुनवाई के दौरान सीबीआई के वकील डीपी सिंह ने कहा कि याचिकाकर्ता ने संबंधित जज को नीचा दिखाने के लिए ये याचिका दायर की है। उन्होंने कहा कि राबड़ी देवी न्यायपालिका पर आरोप लगाती हैं जबकि संबंधित जज विशाल गोगने प्रक्रियाओं का पूरा पालन कर रहे हैं। राबड़ी देवी अदालत को ध्वस्त करना चाहती हैं, वो ये तय नहीं कर सकतीं कि कौन सा जज केस सुने और कौन सा नहीं।

यह निवेदन तब किया गया जब राबड़ी देवी ने न्यायाधीश गोगने के समक्ष लंबित चार मामलों को स्थानांतरित करने की मांग करते हुए न्यायालय में याचिका दायर की, जिनमें उन्हें और उनके परिवार के कई सदस्यों को आरोपी बनाया गया है। इनमें IRCTC घोटाला मामला और कथित तौर पर नौकरी के बदले नकद भुगतान का मामला और उनसे जुड़ी मनी लॉन्ड्रिंग की कार्यवाही शामिल है।

पहले की सुनवाई के दौरान राबड़ी देवी के वकील ने कहा कि सुनवाई कर रहे जज विशाल गोगने प्रक्रिया का पालन नहीं कर रहे हैं। वे 2026 में किसी भी तरह फैसला सुनाना चाहते हैं। उन्होंने जज विशाल गोगने पर आरोप लगाया कि बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान भी उन्होंने आरोप तय करते समय याचिकाकर्ता को कोर्ट बुलाया था।

याचिका में राबड़ी देवी ने मामले की सुनवाई कर रहे जज विशाल गोगने से दूसरे जज के पास स्थानांतरित करने के लिए राउज एवेन्यू कोर्ट में अर्जी दाखिल की है। उन्होंने आरोप लगाया है कि जज विशाल गोगने उनके प्रति पक्षपाती हैं और पूर्व-नियोजित तरीके से मामले को आगे बढ़ा रहे हैं। राबड़ी देवी ने जज विशाल गोगने के पास लंबित चार मामलों को दूसरे जज के पास ट्रांसफर करने की मांग की है।

क्या है मामला?

राबड़ी देवी के खिलाफ विशाल गोगने के पास रेलवे टेंडर घोटाला और लैंड फॉर जॉब घोटाला के केस हैं। 13 अक्टूबर को जज विशाल गोगने ने रेलवे टेंडर घोटाला मामले के आरोपितों लालू यादव, राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव के खिलाफ आरोप तय किए थे।

राबड़ी देवी की याचिका में कहा गया है कि जज विशाल गोगने उनके और उनके परिवार के सदस्यों के खिलाफ एक तय मानसिकता के साथ सुनवाई कर रहे हैं। याचिका में कहा गया है कि मामलों की सुनवाई के दौरान ऐसा लगता है कि जज विशाल गोगने अभियोजन पक्ष की मदद कर रहे हैं। वे निष्पक्ष जज की तरह व्यवहार नहीं करते हैं। ऐसे में उनके खिलाफ दर्ज चार मामलों के स्वतंत्र ट्रायल के लिए दूसरे जज के पास ट्रांसफर किया जाए।

यह भी पढ़ें- पूर्व मंत्री राजा भैया और उनकी साली को हाई कोर्ट का नोटिस, पत्नी भानवी सिंह को राहत

13 अक्टूबर को कोर्ट ने रेलवे टेंडर घोटाला मामले की सीबीआई से जुड़े केस में लालू यादव, राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव के खिलाफ आरोप तय किए थे। सुनवाई के दौरान कोर्ट के पूछे जाने पर तीनों ने कहा कि वो निर्दोष हैं और ट्रायल का सामना करेंगे। उसके बाद कोर्ट ने तीनों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 428, 120बी और भ्रष्टाचार निरोधक कानून की धारा 13(2) के तहत आरोप तय करने का आदेश दिया।

28 फरवरी को रेलवे टेंडर घोटाला मामले में सीबीआई ने कहा था कि आरोपितों के खिलाफ अभियोजन चलाने के लिए पुख्ता सबूत हैं। 28 जनवरी, 2019 को कोर्ट ने ईडी की ओर से दर्ज केस में लालू यादव, राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव को नियमित जमानत दी थी। कोर्ट ने एक-एक लाख के निजी मुचलके पर जमानत दी थी। 19 जनवरी, 2019 को कोर्ट ने सीबीआई की ओर से दर्ज केस में लालू यादव को नियमित जमानत दी थी।

यह भी पढ़ें- ‘फैसले ऐसे लिखें जो आम जनता समझ सके’, सीजेआई ने कानूनी भाषा को सरल बनाने की दी सलाह