Supreme Court: सीजेआई बीआर गवई पर जूता फेंकने वाले वकील राकेश किशोर की मुश्किलें अब बढ़ती हुई नजर आ रही हैं। क्योंकि अब उनके खिलाफ आपराधिक अवमानना ​​की कार्रवाई शुरू होगी। इसको लेकर भारत के अटॉर्नी जनरल ने किशोर के खिलाफ आपराधिक अवमानना ​​की कार्रवाई शुरू करने की सहमति दे दी है।

सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने जस्टिस सूर्यकांत की अध्यक्षता वाली पीठ को सूचित किया कि भारत के अटॉर्नी जनरल ने अधिवक्ता राकेश किशोर के खिलाफ आपराधिक अवमानना ​​की कार्रवाई शुरू करने की सहमति दे दी है। जिन्होंने मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई पर जूता फेंकने की कोशिश की थी।

एससीबीए अध्यक्ष विकास सिंह को लिखे अपने पत्र में एजी ने कहा कि किशोर के “कृत्य और कथन न केवल निंदनीय हैं, बल्कि सर्वोच्च न्यायालय की महिमा और अधिकार को कम करने वाले हैं। उन्होंने कहा कि इस तरह का आचरण “न्याय वितरण प्रणाली ( justice Delivery System) की नींव पर प्रहार करता है।

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राकेश किशोर के खिलाफ चलेगा आपराधिक अवमानना का केस

घटना के बाद सीजेआई ने क्या कहा था?

वकील के जूता उछालने की घटना के बाद सीजेआई गवई ने इस हमले को एक भूला हुआ अध्याय बताया था। सुप्रीम कोर्ट में बोलते हुए सीजेआई गवई ने कहा था कि सोमवार को जो हुआ उससे मैं और मेरे विद्वान भाई बहुत स्तब्ध हैं। हमारे लिए यह एक भुला हुआ अध्याय है।

जस्चिस उज्जवल भुइयां ने की थी निंदा

कार्यवाही के दौरान जस्टिस उज्ज्वल भुइयां भी मौजूद थे। हालांकि जस्टिस उज्ज्वल भुइयां ने तीखी टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि इस पर मेरे अपने विचार हैं। वे भारत के मुख्य न्यायाधीश हैं। यह कोई मज़ाक की बात नहीं है। वर्षों से न्यायाधीशों के रूप में हमने कई ऐसे काम किए हैं जिन्हें दूसरे लोग उचित नहीं मानते, लेकिन इससे हमने जो किया उसके बारे में हमारी राय नहीं बदलती।

यह अक्षम्य घटना- SG तुषार मेहता

सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता भी इस मौके पेर मौजूद थे। उन्होंने हमले की निंदा की थी। उन्होंने कहा था कि यह अक्षम्य था और घटना को खत्म मानकर मुख्य न्यायाधीश की महानता और उदारता नजर आती है।

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6 अक्टूबर की है घटना

बता दें, सीजेआई गवई पर 6 अक्टूबर 2025 को सुप्रीम कोर्ट की कार्यवाही के दौरान जूता फेंकने की घटना सामने आई थी। राकेश किशोर नाम के वकील ने CJI पर जूता फेंकने की कोशिश की थी। पूरे हंगामे के दौरान मुख्य न्यायाधीश शांत रहे और कार्यवाही जारी रखी थी। उन्होंने कहा था कि मैं ऐसी चीज़ों से प्रभावित होने वाला आखिरी व्यक्ति हूं। इन सब बातों से विचलित न हों। हम विचलित नहीं हैं। ये चीज़ें मुझे प्रभावित नहीं करतीं।

हालांकि, इस घटनाक्रम के बाद सुप्रीम कोर्ट ने कोई औपचारिक शिकायत दर्ज नहीं की। सीजेआई गवई ने रजिस्ट्री से उस व्यक्ति के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई न करने को कहा था। फिर भी दिल्ली पुलिस ने राकेश किशोर को रिहा करने से पहले अदालत परिसर में कई घंटों तक उससे पूछताछ की। बाद में उनके जूते वापस कर दिए गए थे।

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