इलाहाबाद हाई कोर्ट ने 18 अक्टूबर, 2023 को रामपुर अधीनस्थ अदालत द्वारा सुनाई गई सजा को तो निलंबित कर दिया था, लेकिन उसने दोषसिद्धि पर रोक लगाने से इनकार कर दिया। इसके कारण जन प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 8(3) के तहत उनकी अयोग्यता प्रभावी बनी हुई है।