युजवेंद्र चहल मौजूदा समय में टीम इंडिया के अहम गेंदबाज हैं। चहल को पहली बार भारत के लिए खेलने का मौका 2016 में मिला। जिम्बाब्वे के खिलाफ उन्होंने 11 जून 2016 को वनडे में डेब्यू किया। इसके बाद उसी महीने की 18 तारीख को अपना पहला टी20 मैच भी जिम्बाब्वे के खिलाफ खेल लिया। दोनों मैच हरारे में खेले गए थे। चहल ने एक इंटरव्यू में महेंद्र सिंह धोनी से पहली मुलकाता और अपने करियर के अन्य पहलुओं के बारे में बात की थी।
दरअसल, स्पोर्ट्स एंकर गौरव कपूर ने ‘ऑकट्री स्पोर्ट्स’ यूट्यूब चैनल के लिए चहल का इंटरव्यू लिया था। इस दौरान चहल ने टीम में चुने के बारे में बात की। उन्होंने कहा, ‘‘रायपुर में मुझे पर्पल कैप मिला था। मुझे नहीं पता था कि टीम इंडिया की घोषणा होने वाली थी। मैं इसके बारे में नहीं सोचता था। अचानक बीसीसीआई की साइट पर मेरा नाम आया। मैंने लिस्ट देखी। सबसे नीचे 16वें नंबर पर मेरा नाम था। वह शानदार पल था। मैं उस समय खूब रोया। आधे घंटे तक मैं उस पेपर को देखते रहा था। किसी से बात नहीं की थी।’’
चहल ने आगे कहा, ‘‘जिस दिन जर्सी पहना था तो आइने के सामने घंटों खड़े रहा था। खूब तस्वीरें निकाली थीं। मुझे वनडे कैप महेंद्र सिंह धोनी से मिली थी। महान खिलाड़ी। उनके सामने मेरी आवाज ही नहीं निकल रही थी। वो जिस तरह युवाओं से बात करते हैं लगता ही नहीं कि वो बड़े खिलाड़ी हैं। जिम्बाब्वे मैं जब उनसे पहली बार मिला था तो माही सर, माही सर करता था। दो ओवर बाद वो मेरे पास आए और कहा कि माही, धोनी, महेंद्र सिंह धोनी या भाई जो बोलना है बोल दे। फिर मैंने कहा कि ओके सर। तो उन्होंने भगा दिया और कहा कि तेरा कुछ नहीं होने वाला है।’’
युजवेंद्र ने रोहित शर्मा के बारे में बात करते हुए कहा, ‘‘भारतीय टीम रोहित भैया (रोहित शर्मा) मेरे अच्छे दोस्त हैं। उनकी वजह से मेरे करियर की शुरुआत हुई। वे मुंबई इंडियंस के कप्तान थे। उन्होंने मुंबई में मेरा डेब्यू करवाया था। रिकी पोंटिंग टीम में थे। उनका अच्छा टूर्नामेंट नहीं जा रहा था। हम कोलकाता में थे। उन्होंने कहा कि अब मैं कप्तान हूं। उन्होंने मुझे कहा कि तू इस मैच में खेल रहा है। मैंने कहा कि भज्जी पा (हरभजन सिंह) और ओझा भैया (प्रज्ञान ओझा) हैं। तो उन्होंने कहा कि तू खेल रहा है। मैंने तय कर लिया है। यहां से मेरे करियर की शुरुआत हुई।’’