भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व बल्लेबाज संजय मांजरेकर ने भारतीय टीम के कप्तान रोहित शर्मा के उस बयान का समर्थन किया है जिसमें उन्होंने कहा था कि भारत टीम में एक स्पिनर को शामिल करने के लिए एक तेज गेंदबाज को ड्रॉप नहीं कर सकता क्योंकि एशिया कप और उसके बाद वनडे वर्ल्ड कप के दौरान तेज गेंदबाज टीम के लिए महत्वपूर्ण होंगे। भारत ने 21 अगस्त को एशिया कप के लिए टीम की घोषणा की थी और 2023 वनडे वर्ल्ड कप के लिए उसी पूल से खिलाड़ियों के चुने जाने की संभावना है।

वर्ल्ड कप में तेज गेंदबाज निभाएंगे बड़ी भूमिका

एशिया कप के लिए जिस टीम के ऐलान किया गया उसमें सबसे ज्यादा चौंकाने वाला नाम तिलक वर्मा का रहा तो वहीं अनुभवी लेग स्पिनर युजवेंद्र चहल को टीम से बाहर किए जाने से कई दिग्गज क्रिकेटर नाराज भी दिखे। भारतीय परिस्थिति के लिए स्पिन गेंदबाजी सबसे बेहतरीन मानी जाती है। एशिया कप के लिए भारतीय टीम में तीन स्पिनर रवींद्र जडेजा, अक्षर पटेल और कुलदीप यादव को शामिल किया गया है जिसमें जडेजा और अक्षर पटेल अच्छी बल्लेबाजी भी करते हैं।

इस बीच संजय मांजरेकर ने कहा कि एमएस धोनी की टीम ने 2011 वनडे वर्ल्ड कप जीता था और तब स्पिनरों ने ज्यादा प्रभावित नहीं किया था। उस साल वनडे वर्ल्ड कप की मेजबानी भारत, श्रीलंका और बांग्लादेश ने संयुक्त रूप से की थी। मांजरेकर ने कहा कि अगले वनडे वर्ल्ड कप के दौरान पिचें सपाट हो सकती हैं और खेल पर नियंत्रण रखने के लिए स्पिनरों की तुलना में तेज गेंदबाजों की ज्यादा जरूरत पड़ेगी।

संजय मांजरेकर ने स्टार स्पोर्ट्स/ईएसपीएन क्रिकइंफो के एक संयुक्त कार्यक्रम के दौरान कहा कि जब भारत 2011 में जीता था उस समय क्या स्पिनरों ने बहुत सारे विकेट लिए थे। भारत की तरफ से सिर्फ युवराज सिंह का इस्तेमाल किया गया था। उस टूर्नामेंट में मुनाफ पटेल जैसे गेंदबाजों ने प्रभाव डाला था और जहीर खान ने भारतीय तेज गेंदबाज अटैक की अगुआई की थी। भारत में टेस्ट सीरीज के दौरान कुछ खास तरह की पिचें देखने को मिलती है, लेकिन वर्ल्ड कप आते ही क्यूरेटर अतिरिक्त मेहनत करेंगे। इस वर्ल्ड कप में कुछ मैदान छोटे होंगे और फ्लैट विकेट देखने को मिलेगा जहां खेल को कंट्रोल में रखने के लिए आपको स्पिनर से ज्यादा तेज गेंदबाज की जरूरत पड़ेगी।