क्रिकेट विश्व कप अब अंतिम पड़ाव पर पहुंच गया है। मंगलवार को पहला सेमीफाइनल आकलैंड में न्यूजीलैंड और दक्षिण अफ्रीका के बीच खेला जाएगा और दो दिन बाद यानी गुरुवार को भारत का मुकाबला आस्ट्रेलिया से होगा। यानी इन चार देशों के लिए खिताब महज दो कदम दूर है। लेकिन ये कदम न तो दक्षिण अफ्रीका के लिए आसान रहेगा और न ही न्यूजीलैंड या भारत व आस्ट्रेलिया के लिए।

क्रिकेट यों भी अनिश्चितताओं का खेल है। कौन से टीम दो कदम चलने में ही हांफने लगे और कौन सी टीम बीच में ही ठिठक कर रुक जाए, कहा नहीं जा सकता। कभी-कभी एक गेंद और एक रन टीमों को चैंपियन बनने से रोक देते हैं और कभी-कभी एक अकेला खिलाड़ी नायक बन कर उभरता है और टीम को चैंपियन बना डालता है। इसलिए सेमीफाइनल में कौन सी टीम जीतेगी और कौन हारेगी, इसकी भविष्यवाणी कोई नहीं कर सकता। उस दिन मैदान पर जो अच्छा खेलेगा, वही मैदान मारेगा।

लेकिन इस समय सबसे बड़ा सवाल यह है कि मैच एकतरफा न हों। इस विश्व कप में अब तक ज्यादातर मैचों में क्रिकेट का रोमांच देखने को नहीं मिला है। एक-दो मैच को छोड़ दें तो ज्यादातर मैच एकतरफा ही रहे हैं और इसमें टीमें जरूर जीतीं हों, क्रिकेट तो हारा ही है। इसलिए उम्मीद की जानी चाहिए कि विश्व कप जब अपने अंतिम पड़ाव की तरफ बढ़ रहा है तो कुछ रोमांचक मुकाबले हों जो दिल की धड़कन बढ़ा भी दें और उन धड़कनों को थाम भी लें।


अगर ऐसा होता है, तो क्रिकेट जीतेगा। फाइनल में कौन सी टीम पहुंचती है, यह देखना तब दिलचस्प रहेगा। तब अटकलें भी लगेंगी और जनून भी बढ़ेगा। टीमों के प्रदर्शन पर बात की जाए तो वह चाहे दक्षिण अफ्रीका हो या न्यूजीलैंड, दोनों का प्रदर्शन विश्व कप में बेहतर रहा है। दक्षिण अफ्रीका चौथी बार विश्व कप के समीफाइनल में पहुंचा है तो न्यूजीलैंड सातवीं बार। दोनों टीमों में एक जो बड़ी समानता है, वह यह कि दोनों टीमें अब तक सेमीफाइनल से आगे नहीं बढ़ पार्इं थीं। लेकिन इस बार दोनों में से किसी एक का फाइनल खेलना तय है।

ग्रुप लीग में न्यूजीलैंड टीम अजेय रही है, जबकि दक्षिण अफ्रीका को ग्रुप में भारत और पाकिस्तान ने हराया था। इस लिहाज से न्यूजीलैंड की टीम का पलड़ा भारी दिखता है। उन्हें अपने घरेलू मैदान पर खेलने का भी फायदा मिल सकता है। लेकिन दक्षिण अफ्रीका ने क्वार्टर फाइनल में जिस तरह का प्रदर्शन किया, उसे देखते हुए उसे कमतर नहीं समझा जा सकता। यानी मुकाबला दिलचस्प होगा। एक तरफ मार्टिन गुप्टिल होंगे, जिन्होंने विश्व कप में सबसे ज्यादा व्यक्तिगत रन बनाने का रेकार्ड बनाया, तो दूसरी तरफ एबी डिविलिर्यस होंगे, जिनके नाम पर भी बहुत से रेकार्ड हैं।

उन्होंने इसी विश्व कप में सबसे तेज 150 रन बनाए हैं। लेकिन इन दो खिलाड़ियों पर ही सारा दारोमदार नहीं रहेगा। बल्कि दोनों ही टीमों में कई मैच विनर हैं। ग्रुप लीग में बल्ले से नाकाम रहे दक्षिण अफ्रीका के ओपनर डिकाक ने क्वार्टर फाइनल में बेहतरीन पारी खेल कर दक्षिण अफ्रीका की परेशानी थोड़ी कम की होगी। फिर हाशिम आमला, डुप्लेसिस, रोसौ और मिलर नीचे हैं जो किसी भी गेंदबाजी का बखिया उधेड़ सकते हैं। गेंदबाजी में डेल स्टेन, मोर्कल और फिलेंडर के साथ लेग स्पिनर इमरान ताहिर न्यूजीलैंड के बल्लेबाजों की परीक्षा लेने में कोई कोताही नहीं बरतेंगे।


न्यूजीलैंड की बल्लेबाजी गुप्टिल के अलावा उनके कप्तान ब्रैंडन मैकुलम, विलियम्सन, इलियट और रास टेलर पर निर्भर रहेगी। टिम साउदी की अगुआई में उनके गेंदबाज लय में हैं। ट्रेंट बोल्ट और मिल्ने से उन्हें अच्छा साथ मिल रहा है। फिर वेटरन डेनियल विटोरी भी हैं जो अपनी स्पिन गेंदबाजी से किसी को भी परेशान करने में सक्षम हैं।

सेमीफाइनल तक के सफर में न्यूजीलैंज की कमजोरियां भी उजागर हुर्इं और दक्षिण अफ्रीका की भी। इसलिए मंगलवार को जब दोनों टीमें एक-दूसरे के मुकाबिल होंगी तो इन कमजोरियों को अपनी ताकत बना कर जीत दर्ज करने की कोशिश करेंगी। मैदान पर बल्लेबाजी व गेंदबाजी में जो भी टीम आक्रामकता को अनुशासित रखेगी, उसे जीत मिलेगी। क्षेत्ररक्षण की भूमिका भी इस मैच में अहम होगी।

एक कैच टपकाने की वजह से गुप्टिल 237 रनों का स्कोर खड़ा कर लेते हैं और विटोरी एक शानदार कैच पकड़ कर वेस्ट इंडीज के संघर्ष को थाम देते हैं। इस मामले में दक्षिण अफ्रीका का पलड़ा थोड़ा भारी है। लेकिन पलड़े का झुकाव तो टास भी तय करेगा। पहले टास जीतने वाली टीम फायदे में रहेगी। इन सबके बावजूद यह तय नहीं है कि कौन सी टीम जीतेगी। पर यह तय जरूर है कि जो भी टीम जीतेगी पहली बार विश्व कप का फाइनल खेलने का गौरव पाएगी। हम तो अच्छे क्रिकेट की ही दुआ कर सकते हैं। क्रिकेट अच्छा हुआ तो देखने वालों का पैसा वसूल हो जाएगा। जो अब तक इस विश्व कप में एकाध बार ही हो पाया है।

 

फ़ज़ल इमाम मल्लिक