सरफराज खान लगातार रन बना रहे हैं। मुंबई के बल्लेबाज ने राजकोट में शेष भारत की ओर से खेलते हुए सौराष्ट्र के खिलाफ ईरानी ट्रॉफी में 138 रन बनाए। अब 43 प्रथम श्रेणी पारियों के बाद उनके खाते में डॉन ब्रैडमैन से एक रन ज्यादा है। ‘द इंडियन एक्सप्रेस’ से बातचीत में, सरफराज ने रिकॉर्ड, प्रैक्टिस, प्रॉसेस (तरीका) के बारे में बात की।
ब्रैडमैन से ऊपर अपना नाम देखकर आपको कैसा लगता है? इस सवाल पर सरफराज खान ने कहा, ‘मेरे पास कोई शब्द नहीं हैं। मैं सोचता हूं कि 3 साल पहले मेरा करियर खत्म हो गया था और अब ब्रैडमैन को पीछे छोड़ने का रिकॉर्ड है। मेरी मेहनत रंग लाई है। कोई यह नहीं सोचता कि वह कीर्तिमान बनाएगा, बस हो जाता है।’
सरफराज खान ने बताया, ‘मैं नेट्स में रोजाना करीब 500 गेंदों का सामना करता हूं। मेरे पिता ने घर पर नेट्स लगाए हैं, जहां मैं स्विंग बॉल का सामना करने का अभ्यास कर सकता हूं। अगर आप पिछले कुछ वर्षों को देखें, तो मुझे कोई आउट कहां किया है? कितनी बार किसी ने मुझे स्लिप्स पर आउट होते देखा है? जब मैंने कुछ और करने की कोशिश की है तभी मैं आउट हुआ हूं। वह भी तब जब मैं सौ पार कर चुका होता हूं।’
सरफराज ने कहा, ‘गेंदबाजों ने मुश्किल से कितनी बार मेरे पैड्स (एलबीडब्ल्यू किया) पर मारा? जब मैं बल्लेबाजी के लिए जाता हूं तो बस यह सुनिश्चित करना चाहता हूं कि मेरे पिता की मेहनत बेकार न जाए। यही वह तरीका (प्रॉसेस) है जिसका मैंने इन वर्षों में पालन किया है। मैं इसे जारी रखना चाहता हूं। एक मैच में मुझे लगभग 200 गेंदें खेलने को मिलती हैं, जो मुझे घर पर खेलने को मिलने वाले मैच से बहुत कम हैं।’
अभ्यास के बारे में पूछने पर सरफराज खान ने बताया, ‘मैंने ग्राउंड पर अधिक से अधिक समय बिताने की कोशिश की। कठिन अभ्यास सत्रों से निपटने की कोशिश की। ये नहीं की मैट पर बैटिंग करते रहो, वह किसी काम का नहीं है। मेरे घर की लाइट रात 9 बजे बंद हो जाती है और सुबह 5 बजे जल जाती है। मेरे और मेरे परिवार के लिए कोई त्योहार, जन्मदिन की पार्टी या कोई अन्य पार्टी नहीं है।’
उन्होंने कहा, ‘कई बार लोग यह मानने को तैयार नहीं होते कि मैं अच्छा हूं, मैं पहले भी अच्छा कर रहा था। मुझे हमेशा लगता है कि मुझे मौका कहां मिला? कुछ साल पहले मुझे शायद ही मौका मिला हो। मैंने मुंबई के लिए केवल 3 मैच खेले, फिर उत्तर प्रदेश चला गया। यूपी के लिए, मैंने पदार्पण मैच में शतक लगाया, लेकिन कुछ मुकाबलों के बाद बाहर कर दिया गया। मुझे मुंबई लौटना पड़ा और कूलिंग ऑफ पीरियड से गुजरना पड़ा।’
सरफराज ने बताया, ‘मैं आईपीएल (IPL) खेल रहा था और मुझे मुंबई अंडर-23 के लिए खेलने के लिए कहा गया। मैंने खुद से कहा, बस इस मौके को लपको। तब लोगों को लगा कि अरे, ये सरफराज तो सिर्फ सफेद गेंद का ही खिलाड़ी है लेकिन कहीं न कहीं मैं और मेरे पिता जानते थे कि मैं लाल गेंद के खिलाफ भी अच्छा खेल सकता हूं।’
उन्होंने कहा, ‘हमने सिर्फ कड़ी मेहनत की। जाड़ा, गर्मी हो या बरसात, हम कुत्तों की तरह दौड़े, तूफान में भी नहीं रुके। हमने बस दिन-रात अभ्यास किया। कभी-कभी शतक लगाने के बाद मैं अपने कमरे में रोता था। तीन साल पहले, मैं खत्म हो चुका था, लेकिन मेरे पिता ने मुझे निराशा से बाहर निकाल दिया। मेरे पिता एक शेर कहते हैं, वह मैं ही था जो तुझे ले आया किनारे तक, समुंदर में बहुत मौका दिया था डूब जाने का।’
डॉन ब्रैडमैन के रिकॉर्ड को लेकर सरफराज खान ने कहा, ‘जरुरी नहीं। रिकॉर्ड आज ऊपर है कल नीचे जाएगा। मैं उस मुकाम पर पहुंच गया हूं जहां मेरे खेल से बाहर की चीजें मायने नहीं रखतीं। हां, जब आप रिकॉर्ड में अपना नाम देखते हैं, तो आपको अच्छा लगता है। किसको अच्छा नहीं लगेगा ब्रैडमैन के बगल में नाम आया तो?’
सूर्यकुमार यादव के साथ विशेष बॉन्डिंग शेयर करने को लेकर सरफराज ने कहा, ‘वह एक बहुत बढ़िया दोस्त है। खेल से पहले उन्होंने एक वीडियो कॉल किया और मेरी तैयारी के बारे में पूछा। वह ऐसे शख्स है जो मजाक करना और ड्रेसिंग रूम का माहौल खुशनुमा रखना पसंद करता है। मैं उसके लिए बहुत खुश था और यह देखकर अच्छा लगता है कि वह बेहतरीन प्रदर्शन कर रहा है।’